स्वीडन को नाटो में शामिल होने की अंतिम बाधा हंगरी की पुष्टि के बाद हुई दूर

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बुडापेस्ट, 26 फरवरी (हि. स.)। स्वीडन को नाटो में शामिल करने के प्रयास के तहत हंगरी की संसद ने सोमवार को मतदान किया। इसके साथ ही गठबंधन के लिए 18 महीने से अधिक समय से बनी अनिश्चितता की स्थिति समाप्त हो गई है जो यूक्रेन में रूस के युद्ध के खिलाफ अपनी जवाबी कार्रवाई को विस्तार देने के प्रयास में है।

स्वीडन की सदस्यता को लेकर महीनों से चली आ रही खींचतान के बाद हुए मतदान में 188 मत पक्ष में पड़े जबकि छह मत इसके विपक्ष में गए।प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन की सरकार ने जुलाई 2022 में नाटो में स्वीडन के प्रवेश को मंजूरी देने के लिए प्रोटोकॉल प्रस्तुत किया था लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों के विरोध के कारण मामला संसद में रुक गया था।संगठन में नए देशों को शामिल करने के लिए सभी नाटो सदस्यों के बीच सर्वसम्मति से समर्थन की आवश्यकता होती है और हंगरी इस गठबंधन के 31 सदस्यों में से आखिरी देश है। हंगरी पिछले महीने तुर्किये द्वारा अनुरोध की पुष्टि किए जाने के बाद अपना समर्थन दे रहा है।

रूस के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने वाले दक्षिणपंथी ओर्बन ने कहा है कि स्वीडिश नेताओं द्वारा हंगरी के लोकतंत्र की आलोचना ने दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास पैदा की। स्वीडन के लिए अंतिम सदस्यता बाधा सोमवार को हुए मतदान से दूर हो गई है जिसने पड़ोसी देश फिनलैंड के साथ पहली बार मई 2022 में गठबंधन में शामिल होने के लिए आवेदन किया था।

ओर्बन ने मतदान से पहले सांसदों को संबोधित करते हुए कहा, ‘स्वीडन और हंगरी का सैन्य सहयोग और स्वीडन का नाटो में शामिल होना हंगरी की सुरक्षा को मजबूत करता है।’ ओर्बन ने स्वीडन को गठबंधन में लाने पर फैसला करने के लिए हाल के महीनों में उनकी सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए हंगरी के यूरोपीय संघ और नाटो सहयोगियों की आलोचना की।

हिन्दुस्थान समाचार/ अजीत तिवारी/प्रभात

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