आईएसआई के दो एजेंट को नेपाल के कोर्ट ने किया दोषी करार, सजा का ऐलान जल्द

आईएसआई के दो एजेंट को नेपाल के कोर्ट ने किया दोषी करार, सजा का ऐलान जल्द
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आईएसआई के दो एजेंट को नेपाल के कोर्ट ने किया दोषी करार, सजा का ऐलान जल्द


काठमांडू, 06 दिसंबर (हि.स.)। नेपाल की जेल में बंद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के दो एजेंट को काठमांडू के स्पेशल कोर्ट ने आतंकी फंडिंग के मामले में दोषी करार दिया है। उत्तर प्रदेश के कानपुर में ट्रेन में हुए विस्फोट सहित कई आतंकी घटनाओं में फंडिंग करने के आरोप में दोषी करार इन दोनों एजेंटों के विरुद्ध जल्द ही सजा सुनाई जाएगी।

वर्ष 2016 में कानपुर के पास पटना-इंदौर एक्सप्रेस में हुए विस्फोट में आतंकी फंडिंग करने वाले आईएसआई एजेंट शमसुल होदा और उसके सहयोगी गिरी बाबा उर्फ ब्रजकिशोर गिरी को काठमांडू के स्पेशल कोर्ट ने दोषी करार दिया है। पांच जजों के फुल बेंच ने लंबे समय से चल रहे इस मुकदमे पर अपना फैसला सुनाते हुए दोनों को दोषी करार दिया है। हालांकि इन दोनों को दी जाने वाली सजा पर अलग से सुनवाई की जाएगी। स्पेशल कोर्ट के प्रमुख न्यायाधीश टेकबहादुर कुंवर ने बताया कि सजा का ऐलान अलग से सुनवाई कर की जाएगी। सरकारी वकील ने इन दोनों को नेपाल के प्रचलित कानून के मुताबिक 20 वर्षों की सजा देने की मांग की है।

भारत में हुए ट्रेन विस्फोट, रेलवे ट्रैक उड़ाने जैसी कई आतंकी घटनाओं में शमसुल होदा ने आईएसआई की मदद से फंडिंग की थी। नेपाल के बारा जिला निवासी शमसुल होदा कई वर्षों से दुबई में ही रहता था और वहीं से आईएसआई के इशारे पर भारत में आतंकी घटनाओं के लिए फंडिंग किया करता था। कानपुर में पटना-इंदौर एक्सप्रेस में ब्लास्ट के अलावा बिहार के घोड़ासहन में रेलवे ट्रैक उड़ाने की साजिश में शामिल था। वर्ष 2014 में पटना के गांधी मैदान में भाजपा की रैली में हुए सीरियल ब्लास्ट में भी इसकी संलिप्तता बताई गई थी।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जांच के बाद दुबई से आतंकी फंडिंग होने की जानकारी जुटाई थी। भारतीय एजेंसियों ने उसे दुबई से गिरफ्तार कर नेपाल डिपोर्ट करवाया था जिसके बाद काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय विमानतल पर नवंबर 2018 में उसे गिरफ्तार गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। पिछले छह साल से उसके खिलाफ स्पेशल कोर्ट में मुकदमा चलाया जा रहा था। शमसुल होदा और गिरी बाबा के अलावा इनके साथ काम करने के आरोप में करीब आधे दर्जन लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिलने के कारण बाद में रिहा कर दिया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/पंकज दास /पवन

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