नेपाल: पांच सांसदों के खिलाफ अदालत अवमानना का मुकदमा दर्ज

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काठमांडू, 08 अप्रैल (हि.स.)। नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने संसद के पांच सदस्यों के खिलाफ अवमानना का मुकदमा दर्ज कर लिया है। अदालत में चल रहे एक केस के विषय में सार्वजनिक रूप से अदालत को लेकर आपत्तिजनक बयान देने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने संसदीय विकास कोष के रकम को खारिज किए जाने के अन्तरिम आदेश के खिलाफ कुछ सांसदों ने विरोध किया था। कोर्ट के आदेश को सांसद के विशेषाधिकार का हनन और व्यवस्थापिका पर न्यायपालिका का अनावश्यक हस्तक्षेप बताया था। इस तरह का भाषण देने वाले जिन सांसदों के खिलाफ अदालत में मुकदमा दर्ज किया गया है, उनमें नेपाली कांग्रेस पार्टी संसदीय दल के प्रमुख सचेतक रमेश लेखक, इसी पार्टी के श्याम कुमार घिमिरे, नेकपा एमाले के प्रमुख सचेतक महेश बर्तौला, एमाले के ही सांसद सूर्य थापा और एकीकृत समाजवादी पार्टी के अमर बहादुर थापा का नाम शामिल है।

संसदीय विकास कोष के रकम का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग होने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया है। नेपाल में सांसदों को संसदीय विकास कोष के नाम पर उनके चुनावी क्षेत्र में 5 करोड़ रुपये दिया जाता था। कोर्ट का मानना है कि यह रकम विकास के नाम पर जाता था लेकिन इसमें सांसद के कार्यकर्ताओं का पालन पोषण और कमीशन में खर्च करने के लिए किया जाता था। सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्यायाधीश के नेतृत्व के फूल बेंच ने इस पर अन्तरिम आदेश देते हुए रोक लगा दिया था।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश को न्यायिक सक्रियता बताते हुए सांसदों ने सुप्रीम कोर्ट के जजों की आलोचना की थी। संसद में और बाहर में भी लगातार इन सांसदों ने कोर्ट पर कार्यपालिका और व्यवस्थापिका पर हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था। इन आरोपों पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने इनके खिलाफ कंटेप्ट ऑफ कोर्ट का मुकदमा दर्ज कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट के सूचना अधिकारी गोविन्द घिमिरे ने बताया कि इन सांसदों को 10 दिनों के भीतर लिखित जवाब देने को कहा गया है। इस मामले पर अगली सुनवाई 17 अप्रैल को रखी गई है।

हिन्दुस्थान समाचार/पंकज दास/आकाश

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