रूस-यूक्रेन के बीच शांति के लिए मेदवेदेव ने जेलेंस्की से वार्ता करने से किया इनकार
मास्को, 5 मार्च (हि. स.)। रूस-यूक्रेन के बीच पिछले 2 साल से जारी युद्ध के बीच शांति वार्ता के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सहयोगी और रूसी सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने सोमवार को मौजूदा यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ शांति वार्ता से इनकार कर दिया। मेदवेदेव ने यह भी कहा कि यूक्रेन रूस का हिस्सा है।
दक्षिणी रूस में मेदवेदेव ने कहा कि रूस अपना विशेष सैन्य अभियान जारी रखेगा, जब तक कि दूसरा पक्ष आत्मसमर्पण नहीं कर देता। मेदवेदेव ने कहा कि यूक्रेन के पूर्व नेताओं में से एक ने कहा था कि यूक्रेन रूस नहीं है। उस अवधारणा को हमेशा के लिए खत्म कर देना चाहिए। यूक्रेन निश्चित रूप से रूस है। उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के नेतृत्व वाले वर्तमान यूक्रेनी नेतृत्व के साथ शांति वार्ता से इन्कार कर दिया। पूर्व-पश्चिम संबंधों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि मास्को और वाशिंगटन के बीच संबंध 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट से भी बदतर है।
क्रेमलिन ने सोमवार को कहा कि जर्मन सैन्य चर्चाओं की कथित रिकार्डिंग से पता चलता है कि जर्मनी के सशस्त्र बल रूसी क्षेत्र पर हमले की योजना पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने सवाल किया कि क्या चांसलर ओलाफ स्कोल्ज का स्थिति पर नियंत्रण है। इसे लेकर रूस ने सोमवार को जर्मनी के राजदूत को तलब किया। दरअसल, इंटरनेट मीडिया पर लीक 38 मिनट की रिकार्डिंग में सैन्य अधिकारी यह चर्चा कर रहे हैं कि कैसे लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल टारस का इस्तेमाल कीव द्वारा रूसी सेनाओं के खिलाफ किया जा सकता है।
जर्मनी की वायु सेना के प्रमुख इंगो गेरहार्ट्ज सहित चार अधिकारियों को टारस तैनाती पर चर्चा करते सुना जा सकता है। इसमें कहा गया है कि टारस की शीघ्र डिलीवरी और तेजी से तैनाती केवल जर्मन सैनिकों की मदद से संभव है। इससे यह भी पता चलता है कि जर्मन सरकार ने यूक्रेन द्वारा मांगी गई क्रूज मिसाइलों की डिलीवरी के लिए सहमति नहीं दी है। वहीं, जर्मन अधिकारियों ने कहा कि वे रिकार्डिंग की जांच कर रहे हैं। यह भी जांच कर रहे हैं कि कैसे संभव है कि शीर्ष जर्मन सैन्यकर्मियों की बातचीत को रूसियों द्वारा सुना और लीक किया जा सकता है।
रूस के समारा शहर के पास एक रेलवे पुल पर धमाका हुआ। रूस के दक्षिण-पश्चिम में वोल्गा नदी पर स्थित समारा क्षेत्र देश के औद्योगिक केंद्रों में से एक है। रूस ने हाल के महीनों में अपने औद्योगिक और बुनियादी ढांचे पर हमलों की एक श्रृंखला की सूचना दी है, जिसके लिए उसने यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया है। किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन रेलवे परिचालन पर असर पड़ा है।
हिन्दुस्थान समाचार/ अजीत तिवारी/प्रभात
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