नेपाल : माओवादी के साथ गठबन्धन रखने या तोड़ने को लेकर कांग्रेस में विवाद
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काठमांडू, 19 फरवरी (हि.स)। नेपाल के सत्तारूढ़ गठबन्धन में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस की आज से महासमिति की बैठक हो रही है। इस बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव को लेकर पार्टी अध्यक्ष और महामंत्री के बीच गठबन्धन को ही निरन्तरता देने या गठबन्धन तोड़ने को लेकर विवाद हो गया है।
सत्ता गठबन्धन में सबसे बड़े साझेदार रहे नेपाली कांग्रेस पार्टी की आज से महासमिति की बैठक होने जा रही है। यह पार्टी की सबसे बड़ी और अहम बैठक होती है। इसी बैठक से पार्टी आगामी कार्यदिशा तय करने वाली है। लेकिन बैठक शुरू होने से पहले ही पार्टी अध्यक्ष शेरबहादुर देउवा और महामंत्री गगन थापा के बीच गठबन्धन को लेकर विवाद शुरू हो गया है। माओवादी नेतृत्व में रहे गठबन्धन सरकार का औचित्य समाप्त होने की बात कहते हुए पार्टी का एक बड़ा समूह गठबन्धन तोड़ने के पक्ष में है जबकि दूसरा समूह इसी गठबन्धन को निरन्तरता देने के पक्ष में है।
महासमिति की बैठक से पहले केन्द्रीय समिति की बैठक मैं राजनीतिक प्रस्ताव पेश करते हुए महामंत्री गगन थापा ने कहा कि माओवादी के साथ गठबन्धन के कारण पार्टी की विचारधारा दिन प्रतिदिन कमजोर होते जाने और पार्टी की छवि खराब होने के साथ साथ आम कार्यकर्ता में निराशा है। उनका तर्क है कि वामपंथी दल के साथ गठबन्धन के कारण पार्टी की जनता पर ना सिर्फ पकड़ ढीली होती जा रही है बल्कि दिन प्रतिदिन हमारी लोकप्रियता में भी ह्रास हो रहा है। गगन थापा ने कहा कि 275 सीटों वाली प्रतिनिधि सभा में लगभग सौ सीट वाली हमारी पार्टी को सिर्फ 38 सीट वाले माओवादी के पीछे पीछे चलने को मजबूर किया गया है, यह सबसे दुखद पक्ष है।
हालांकि पार्टी अध्यक्ष शेरबहादुर देउवा अपनी ही पार्टी के महामंत्री के तर्क से नाखुश हैं। केन्द्रीय समिति की बैठक से महामंत्री थापा द्वारा पेश किए गए इस प्रस्ताव को पारित नहीं किया गया है। आज महासमिति की बैठक से पहले हुई पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में भी अध्यक्ष देउवा ने महामंत्री गगन थापा से प्रस्ताव को वापस लेने का आग्रह किया लेकिन थापा ने इससे इनकार कर दिया है। देउवा पक्षीय नेता और पार्टी उपसभापति पूर्ण बहादुर खड्का ने कहा कि इस समय गठबन्धन का कोई विकल्प नहीं है, इसलिए गठबन्धन तोड़ने का प्रस्ताव महासमिति की बैठक में रखा नहीं जा सकता है।
गगन थापा के गठबन्धन तोड़ने के प्रस्ताव का पार्टी के वरिष्ठ नेता शेखर कोईराला ने समर्थन किया है। पार्टी के महाधिवेशन में देउवा के खिलाफ अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने वाले डा शेखर कोईराला ने आज एक पत्रिका में लेख लिखते हुए कहा है कि पार्टी को अगर बचाना है और आगे के चुनाव में अच्छे मत के साथ बहुमत लाना है तो तत्काल गठबन्धन छोड़ने का निर्णय करना चाहिए। उन्होंने लिखा है कि अगर दूसरे विकल्प के साथ पार्टी अपने नेतृत्व में सरकार नहीं बना सकती है तो विपक्ष में बैठनै के लिए भी तैयार होना चाहिए। पार्टी को सत्ता में टिके रहने के लिए अपनी विचारधारा के साथ समझौता नहीं करना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार/पंकज दास /दधिबल
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