नेपाल में डिप्टी स्पीकर के खिलाफ महाभियोग को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दलों में विवाद

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नेपाल में डिप्टी स्पीकर के खिलाफ महाभियोग को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दलों में विवाद


नेपाल में डिप्टी स्पीकर के खिलाफ महाभियोग को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दलों में विवाद


काठमांडू, 14 सितंबर (हि.स.)। नेपाल की संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा के डिप्टी स्पीकर के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाए जाने को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दलों में विवाद हो गया है। घटक दलों के विरोध के कारण महाभियोग प्रस्ताव औपचारिक रूप से पेश करने से सरकार अब तक बच रही है।

मानव तस्करी के आरोपों का सामना कर रहीं डिप्टी स्पीकर इंदिरा राणा मगर को पद से हटाने के लिए सीपीएन (यूएमएल) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन ने विगत मंगलवार को ही महाभियोग प्रस्ताव लाने का फैसला किया था। सीपीएन (यूएमएल) और नेपाली कांग्रेस सहित कुछ अन्य दलों के सांसदों ने महाभियोग प्रस्ताव लाने से जुड़े प्रस्ताव पर हस्ताक्षर भी कर दिए थे। मंगलवार को घटक दलों की हुई बैठक में यह फैसला लिया गया था कि उस दिन शाम तक यदि राणा अपने पद से इस्तीफा नहीं देती हैं तो अगले दिन यानी बुधवार सुबह महाभियोग प्रस्ताव सदन में पेश किया जाएगा लेकिन इस फैसले के चार दिन बाद शनिवार को भी महाभियोग प्रस्ताव पेश नहीं किया जा सका है। सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दल जनमत पार्टी और जनता समाजवादी पार्टी ने डिप्टी स्पीकर के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाये जाने के फैसले का विरोध किया गया है।

जनमत पार्टी के अध्यक्ष डॉ. सीके राउत ने कहा कि बिना संसदीय प्रक्रिया को पूरा किए और बिना डिप्टी स्पीकर का पक्ष सुने उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाना दुखद है। इसी तरह से जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी) के उपाध्यक्ष राज किशोर यादव ने कहा कि देश की दोनों बड़ी पार्टियां नेपाल को द्वि दलीय व्यवस्था में ले जाने की कोशिश कर रही हैं और डिप्टी स्पीकर को हटाने का निर्णय इसी का ही एक हिस्सा है।

नेपाल की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में महाभियोग प्रस्ताव पास कराने के लिए दो तिहाई सदस्यों का समर्थन चाहिए। सत्तारूढ़ गठबंधन के पास कुल 193 सांसदों का समर्थन है। महाभियोग प्रस्ताव का विरोध करने वाली 6 सदस्यों वाली जनमत पार्टी और 5 सदस्यों वाली जेएसपी ने सत्ता गठबंधन का साथ नहीं दिया तो महाभियोग प्रस्ताव पारित कराने के लिए बहुमत का जुगाड़ तो हो जाएगा लेकिन करीब डेढ़ महीने पहले बने गठबंधन में दरार आना निश्चित है। सीपीएन (यूएमएल) के प्रमुख सचेतक महेश बरतौला ने बताया कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली इन दोनों दलों के नेताओं से बातचीत कर मनाने के लिए प्रयासरत हैं।

नेपाल के पूर्व कानून मंत्री एवं नेपाली कांग्रेस के नेता अजय चौरसिया का दावा है कि डिप्टी स्पीकर को हटाने के लिए उनके पास पर्याप्त बहुमत है। अगर इन दोनों दलों ने साथ नहीं भी दिया तो भी दो तिहाई सदस्यों का समर्थन मिल जाएगा लेकिन हम सभी घटक दलों को साथ लेकर ही आगे बढ़ना चाहते हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास

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