जेन जी आंदोलन के बाद पहली बार सुशीला कार्की और ओली, देउवा, प्रचण्ड आमने-सामने
काठमांडू, 23 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल की पहल पर मंगलवार को शीतल निवास में तीन प्रमुख राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं और अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के बीच पहली औपचारिक वार्ता हुई।
इस बैठक में नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउबा, नेकपा (एमाले) के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, नेकपा के समन्वयक एवं पूर्व प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल तथा अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की शामिल हुए। इस संवाद को अंतरिम सरकार और प्रमुख दलों के बीच राजनीतिक दूरी कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।
राष्ट्रपति के प्रेस सलाहकार किरण पोखरेल के अनुसार, बैठक में विशेष रूप से 5 मार्च 2026 को प्रस्तावित संसदीय चुनाव के लिए अनुकूल माहौल बनाने के उद्देश्य से संवाद को आगे बढ़ाने पर समझ बनी है। साथ ही, विस्तृत चर्चा प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास बालुवाटार में जारी रखने पर भी सहमति हुई, हालांकि इसकी तिथि अभी तय नहीं की गई है।
चर्चा के दौरान राष्ट्रपति पौडेल के हवाले से कहा गया, “देश एक गंभीर और संवेदनशील स्थिति में है। घोषित चुनावों को सफल बनाना हमारी साझा जिम्मेदारी है।”
यह बैठक 8 और 9 सितंबर को हुए जेन-जेड आंदोलन के बाद गठित अंतरिम सरकार के पश्चात लंबे समय से जारी राजनीतिक तनाव के बीच हुई है। सरकार और तीनों प्रमुख दलों के बीच संवाद के द्वार खोलने में राष्ट्रपति की मध्यस्थता को अहम माना जा रहा है।
राजनीतिक अनिश्चितता गहराने के बीच इस संवाद से यह उम्मीद जगी है कि 05 मार्च 2026 को निर्धारित चुनाव समय पर होंगे या नहीं, इस पर कोई स्पष्ट निर्णय सामने आएगा। जहां नेपाली कांग्रेस और एमाले संसद की बहाली की मांग पर कायम हैं, वहीं नेकपा चुनाव के पक्ष में अपनी स्थिति बनाए हुए है।
शीतल निवास के अनुसार, इस वार्ता से आपसी विश्वास का वातावरण बना है और यह अंतरिम सरकार तथा देश के शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व के बीच प्रत्यक्ष संवाद का एक दुर्लभ उदाहरण माना जा रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास

