नेपाल : ओली के खिलाफ एकजुट होते विपक्षी नेता, सरकार को दी चेतावनी

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नेपाल : ओली के खिलाफ एकजुट होते विपक्षी नेता, सरकार को दी चेतावनी


नेपाल : ओली के खिलाफ एकजुट होते विपक्षी नेता, सरकार को दी चेतावनी


काठमांडू , 27 जुलाई (हि.स.)। सत्ता से बाहर होने के बाद पहली बार विपक्षी नेताओं ने मंच साझा किया। नेपाल में कम्यूनिष्ट पार्टी के संस्थापक कहे जाने वाले पुष्पलाल स्मृति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में एकजुट हुए विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली और वर्तमान सत्तारूढ गठबन्धन को सचेत करते हुए संविधान संशोधन के नाम पर खिलवाड ना करने की चेतावनी दी है।

इस कार्यक्रम में बोलते हुए पूर्व प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल प्रचण्ड ने कांग्रेस और एमाले के बीच बने गठबन्धन के द्वारा संविधान के खिलाफ षडयंत्र किए जाने का आरोप लगाया है। प्रचण्ड ने कहा कि संविधान संशोधन के नाम पर संविधान की मूल भावना के साथ छेड़छाड़ की कोशिश की गई तो फिर से सड़क पर आन्दोलन होगा। उन्होंने कहा कि संघीयता, समावेशी सिद्धांत, समानुपातिक निर्वाचन प्रणाली और धर्म निरपेक्षता के साथ छेड़छाड़ बिल्कुल स्वीकार नहीं किया जाएगा। प्रचण्ड ने कहा कि नेपाल के संविधान में यह उपलब्धि हजारों नेपाली जनता के बलिदान और माओवादियों के सशस्त्र विद्रोह के कारण आया है। इसलिए इन सभी मूलभूत बातों पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

इसी कार्यक्रम में बोलते हुए एकीकृत समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष तथा पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में ओली के सत्ता संभालने के कारण सभी को सचेत होकर रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में ओली का ट्रैक रिकार्ड विवादित और संविधान विरोधी रहा है। माधव नेपाल ने यहां तक कह दिया कि संविधान संशोधन का खतरा नहीं है बल्कि ओली के सत्ता में टिके रहने पर देश के संविधान को ही खतरा है। ओली के पूर्व के कार्यकाल में उनके द्वारा दो बार संसद को भंग करने और अपने मनमौजी तरीके से देश को चलाने का आरोप लगाते हुए माधव नेपाल ने संविधान की रक्षा करने के लिए विपक्षी दलों के एकजुट होने का आह्वान किया।

प्रचण्ड और माधव नेपाल की तरह उपेन्द्र यादव ने भी ओली के खिलाफ बयान दिया है। यद्यपि उनकी सरकार ने प्रदेश के अलावा केन्द्र में भी ओली की सरकार को समर्थन दिया है लेकिन उनकी पार्टी को सरकार में कहीं जगह नहीं मिल पाई है। ओली के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए उपेन्द्र यादव ने कहा कि संविधान और उसकी उपलब्धियों से ओली का कोई लेना देना नहीं है। सत्ता के लिए कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने वाले ओली सत्ता टिकाने के लिए राजा से भी हाथ मिलाकर पूरी शासन व्यवस्था को बदल सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास / जितेन्द्र तिवारी

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