बीआरआई कार्यान्वयन समझौते के ड्राफ्ट पर नेपाल के सत्तारूढ़ दलों में अभी सहमति नहीं

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बीआरआई कार्यान्वयन समझौते के ड्राफ्ट पर नेपाल के सत्तारूढ़ दलों में अभी सहमति नहीं


बीआरआई कार्यान्वयन समझौते के ड्राफ्ट पर नेपाल के सत्तारूढ़ दलों में अभी सहमति नहीं


काठमांडू, 27 नवंबर (हि.स.)। नेपाल के सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दलों के बीच चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन समझौते को लेकर अभी सहमति नहीं बन सकी है, लेकिन दोनों प्रमुख घटक दल नेपाली कांग्रेस और सीपीएन (यूएमएल) चीनी ड्राफ्ट में संशोधन के लिए तैयार हैं।

नेपाली कांग्रेस के महामंत्री गगन थापा ने मीडियाकर्मियों से कहा कि कुछ दिन पहले चीन की ओर से भेजे गए 10 पृष्ठ के कार्यान्वयन समझौते के ड्राफ्ट में दोहरे अर्थ वाले वाक्य शामिल हैं। इसमें सुरक्षा और रणनीतिक साझेदारी का मुद्दा भी जोड़ा गया है जिसमें कांग्रेस ने संशोधन करने का प्रस्ताव दिया है। नेपाली कांग्रेस ने संशोधन के बिंदु प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को लिखित रूप में भेज दिए हैं।

महामंत्री थापा के मुताबिक प्रधानमंत्री ओली चीन के प्रतिनिधियों से मिलकर कांग्रेस के हितों और चिंताओं पर चर्चा कर रहे हैं। अगर चीन हमारी पार्टी द्वारा उठाई गई चिंताओं को स्वीकार करता है तो इस पर हस्ताक्षर करने में कोई आपत्ति नहीं होगी।

दोनों देशों के बीच वर्ष 2017 में बीआरआई प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद से कोई प्रगति नहीं हुई है। चीन चाहता है कि कार्यान्वयन योजना पर हस्ताक्षर किए जाएं। प्रधानमंत्री ओली भी कार्यान्वयन योजना पर सहमति के पक्ष में हैं ताकि चीन के साथ संबंध खराब न हों।

नेपाली कांग्रेस के प्रवक्ता प्रकाश शरण महत, जो बीआरआई प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर के समय वित्त मंत्री थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को समझौते में उल्लिखित कनेक्टिविटी, निवेश और तकनीकी मुद्दों पर सहयोग के आधार पर सब्सिडी लेने में कोई आपत्ति नहीं है। समझौते के आधार पर बीआरआई के ढांचे के भीतर यदि इसमें सब्सिडी दी जाती है तो कांग्रेस कार्यान्वयन समझौते पर हस्ताक्षर करने पर आपत्ति नहीं करेगी।

प्रधानमंत्री ओली की दिसंबर के प्रथम सप्ताह में प्रस्तावित चीन दौरे के एजेंडे पर होमवर्क करने के लिए विदेश मंत्री डॉ. आरजू राणा गुरुवार को बीजिंग जाने वाली हैं। उससे पहले एजेंडे को अंतिम रूप देने के लिए सरकार ने चीन द्वारा भेजे गए दस्तावेज़ पर आम राय बनाने के लिए तीन सदस्यीय कार्य समूह का गठन किया था। कार्य समूह में सीपीएन (यूएमएल) के अध्यक्ष एवं प्रधानमंत्री ओली के राजनीतिक सलाहकार विष्णु रिमल, आर्थिक सलाहकार युवराज खतिवडा और कांग्रेस महासचिव गगन थापा शामिल हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास

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