हंगरी ने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय से वापसी को दी मंजूरी, यूरोपीय संघ में पहला देश बना

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बुडापेस्ट, 20 मई (हि.स.)। हंगरी की राष्ट्रीय विधानसभा ने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) से देश की वापसी को मंजूरी दे दी है। यह घोषणा विदेश मंत्री पीटर सिज्जार्टो ने मंगलवार को की।

यह प्रस्ताव 134 मतों के समर्थन, 37 विरोध और 7 तटस्थ मतों के साथ पारित हुआ। अब सरकार औपचारिक रूप से संयुक्त राष्ट्र महासचिव को इस निर्णय की सूचना देगी क्योंकि आईसीसी की स्थापना करने वाले रोम संविधि के अनुसार, वापसी की औपचारिक सूचना संयुक्त राष्ट्र महासचिव को ही देनी होती है।

फेसबुक पेज पर एक वीडियो संदेश में विदेश मंत्री सिज्जार्टो ने बताया कि हंगरी ने आईसीसी की स्थापना में सक्रिय भूमिका निभाई थी। देश ने 1999 में रोम संविधि पर हस्ताक्षर किए थे और 2001 में इसे अनुमोदित किया था। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि हाल की घटनाओं के चलते न्यायालय की निष्पक्षता और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठे हैं, जो इस निर्णय का प्रमुख कारण हैं।

गौरतलब है कि अप्रैल की शुरुआत में, जब इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू हंगरी के दौरे पर थे, तब हंगरी ने आईसीसी से बाहर निकलने की योजना की घोषणा की थी। नेतन्याहू पर गाजा में कथित युद्ध अपराधों को लेकर आईसीसी द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। इसके कुछ सप्ताह बाद, अप्रैल के अंत में सिज्जार्टो ने संसद में एक विधेयक प्रस्तुत किया, जिसमें आईसीसी से औपचारिक रूप से हटने का प्रस्ताव था। हंगरी ऐसा करने वाला यूरोपीय संघ का पहला सदस्य देश बन गया है, जिसने आईसीसी से बाहर निकलने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू की है।

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय

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