संदीप लामिछाने को रेप केस में बरी करने के हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती नहीं देगी नेपाल सरकार
काठमांडू, 8 अक्टूबर (हि.स.)। नेपाली क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान संदीप लामिछाने को दुष्कर्म मामले में बरी किए जाने के हाई कोर्ट के फैसले को सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं देगी।
नेपाल के अटॉर्नी जनरल के प्रवक्ता सूर्यराज दहाल ने मंगलवार को मीडिया को बताया कि संदीप लामिछाने के मामले में हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का कोई औचित्य नहीं है। पीड़ित लड़की ने पहले ही सरकारी वकील को पत्र लिखकर इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में नहीं जाने का अनुरोध किया था।
संदीप लामिछाने पर एक लड़की ने खुद के नाबालिग होने की बात कहते हुए दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करायी थी। इसके बाद लामिछाने को गिरफ्तार कर लिया गया था। जिला अदालत ने लामिछाने को आठ साल की सजा सुनाई थी और पीड़ित लड़की को 15 लाख रुपये हर्जाना देने का आदेश दिया था। जिला अदालत के फैसले के खिलाफ लामिछाने ने हाई कोर्ट में अपील की थी।
पाटन हाई कोर्ट ने काठमांडू जिला अदालत के फैसले को पलटते हुए संदीप पर लगे दुष्कर्म के आरोप को झूठा बताया था। हाई कोर्ट ने पीड़ित लड़की के नाबालिग होने के दावे को झूठा बताते हुए कहा था कि सहमति से बने शारीरिक संबंध को दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में पीड़ित लड़की पर पैसे लेकर बार्गेनिंग करने और पैसे नहीं मिलने पर शिकायत दर्ज करने की बात कही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास
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