उद्घाटन के 16 महीने बाद भी शुरू नहीं हो सकी नेपाल-भारत की दूसरी कार्गो रेल सेवा

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उद्घाटन के 16 महीने बाद भी शुरू नहीं हो सकी नेपाल-भारत की दूसरी कार्गो रेल सेवा


काठमांडू, 6 अक्टूबर (हि.स.)। भारत के बिहार राज्य के जोगबनी से नेपाल के विराटनगर तक की कार्गो रेल सेवा के उद्घाटन हुए करीब 16 महीने हो चुके हैं लेकिन यह अभी भी शुरू नहीं हो सकी है।

एक जून 2023 को नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल 'प्रचंड' की भारत यात्रा के दौरान दिल्ली में द्विपक्षीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ संयुक्त रूप से जोगबनी से विराटनगर तक की कार्गो रेल सेवा का उद्घाटन किया गया था। इस पर आज तक एक भी कार्गो रेल नहीं चल पाया है।

विराटनगर के व्यवसायियों को इस कार्गो रेल सेवा की शुरुआत होने से काफी उम्मीद थी लेकिन नेपाल सरकार की नीतियों के कारण इस रूट की कार्गो रेल सेवा का संचालन नहीं हो पाया है। विराटनगर उद्योग वाणिज्य संघ के अध्यक्ष अनुपम राठी ने बताया कि नेपाल सरकार ने कार्गो रेल की कस्टम ड्यूटी इतनी अधिक रखी है कि उनके लिए कोलकाता पोर्ट से विराटनगर तक सामान मंगवाना बहुत महंगा सौदा है। नेपाल सरकार की कस्टम ड्यूटी से सस्ता तो कोलकाता से ट्रक से ही सामान लाना होता है। या फिर भारत के जोगबनी तक रेल से सामान मंगवाकर वहां से ट्रक से विराटनगर मंगवाना भी उससे सस्ता पड़ता है।

कोशी प्रदेश उद्योग वाणिज्य संघ के सदस्य और वीतानगर के बड़े उद्योगपति श्रवण अग्रवाल ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि भारत सरकार के हजारों करोड़ रुपये के निवेश का फायदा नेपाली उद्योग जगत को नहीं मिल पा रहा है। अग्रवाल का नेपाल सरकार पर आरोप है कि भारत के साथ कार्गो रेल संचालन के समझौते पर हस्ताक्षर करते समय सामान्य बातों का भी खयाल नहीं रखा गया। उनका कहना है कि भारत के पोर्ट से विराटनगर तक आने वाली कार्गो रेल में सिर्फ चार वस्तुओं के आयात की अनुमति दी गयी है। जबकि उन चारों वस्तुओं का नेपाल के सबसे बड़े उद्योग के इस शहर में कोई खास उपयोग नहीं होता है। अगर नेपाल सरकार भारत से फिर से बाकी सामानों के आयात की इजाजत ले तब इसके संचालन की उम्मीद है।

विराटनगर कस्टम विभाग के प्रमुख ज्ञानेन्द्र राज ढकाल ने कहा कि यह सच है कि इस रूट से नेपाल तक सिर्फ चार सामान आयात करने की इजाजत है लेकिन भारत सरकार की तरफ से विराटनगर में इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट और ड्राई पोर्ट बनाकर दिया गया है। उसका उपयोग करते हुए यहां के व्यवसायियों को बड़े पैमाने पर सामान मंगवाने से उन्हें फायदा हो सकता है। इस ड्राई पोर्ट पर चार सौ से अधिक ट्रेन का कंटेनर एक साथ लाया जा सकता है। यहां करीब एक हजार ट्रक के पार्किंग की भी जगह है।

जोगबनी-विराटनगर कार्गो रेल सेवा नेपाल और भारत के बीच बनी दूसरा कार्गो रेल सेवा है। इससे पहले भारत सरकार की तरफ से बिहार के रक्सौल और नेपाल के बीरगंज तक पहली कार्गो रेल सेवा का संचालन किया जा रहा है। बीरगंज में भारत सरकार की तरफ से देश का पहला ड्राई पोर्ट और पहला इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट का भी निर्माण किया जा चुका है जो कि इस समय संचालन में है। नेपाल और भारत के बीच पहली यात्री रेल सेवा भारत के जयनगर से नेपाल के जनकपुरधाम तक चलायी जा रही है। दूसरी यात्री रेल सेवा के लिए सर्वे और डीपीआर का काम भी हो गया है, जिसका निर्माण रक्सौल से काठमांडू तक किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास

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