आरपीपी के प्रदर्शन से पहले पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह के साथ राजशाही पक्षधर नेताओं की डिनर मीटिंग

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आरपीपी के प्रदर्शन से पहले पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह के साथ राजशाही पक्षधर नेताओं की डिनर मीटिंग


आरपीपी के प्रदर्शन से पहले पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह के साथ राजशाही पक्षधर नेताओं की डिनर मीटिंग


काठमांडू, 20 अप्रैल (हि.स.)। रविवार को राजशाही के पक्ष में होने वाले प्रदर्शन से ठीक पहले पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह ने अपने निकट नेताओं के साथ शनिवार को डिनर मीटिंग की है। निषेधित क्षेत्र तोड़ने की घोषणा से ठीक एक दिन पहले पूर्व राजा के साथ इन नेताओं की बैठक काफी अहम मानी जा रही है।

शनिवार की देर शाम को पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह के काठमांडू स्थित निर्मल निवास में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) के सात शीर्ष नेताओं के साथ डिनर मीटिंग हुई है। पूर्व राजा के घर पर डिनर मीटिंग पर मिलने वाले नेताओं में आरपीपी के अध्यक्ष राजेन्द्र लिंगदेन, पशुपति शमशेर राणा, प्रकाशचंद लोहनी, विक्रम पांडे, ध्रुव बहादुर प्रधान, बुद्धिमान तमांग और ज्ञानेन्द्र शाही मौजूद रहे।

इस बैठक के बाद आरपीपी के सांसद ज्ञानेन्द्र शाही ने निर्मल निवास में पूर्व राजा के साथ हुई बैठक होने की बात स्वीकार की। उन्होंने कहा कि राजसंस्था पुनर्स्थापना को लेकर रविवार से फिर से शुरू होने वाले प्रदर्शन को लेकर चर्चा हुई। साथ ही राजसंस्था समर्थक संगठनों और राजनीतिक दलों के बीच कुछ बातों को लेकर मतभेद पर भी चर्चा हुई।

पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह के साथ आरपीपी नेताओं की यह डिनर मीटिंग ऐसे समय हुई, जब इस पार्टी की केंद्रीय समिति की बैठक ने अपनी पार्टी के अलावा अन्य किसी भी राजसंस्था समर्थित संघ संस्था या अभियान से जुड़ने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था। शुक्रवार को आरपीपी ने अपने पार्टी के सभी पदाधिकारियों पर राजसंस्था समर्थित किसी अन्य संघ संगठन या अभियान में शामिल होने पर रोक लगा दी है।

माना जा रहा है कि पूर्व राजा द्वारा आरपीपी पार्टी के भीतर कुछ नेताओं को अलग से संघर्ष की जिम्मेदारी दिए जाने से जो नाराजगी थी, उसी पर चर्चा करने के लिए पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र ने यह डिनर मीटिंग बुलाई थी। एक तरफ आरपीपी के तरफ से रविवार को काठमांडू में निषेधित क्षेत्र को तोड़ कर प्रदर्शन करने की घोषणा किया जा चुका है, वहीं दूसरी तरफ सरकार के तरफ से आरपीपी को ऐसा नहीं करने की चेतावनी भी दी जा चुकी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास

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