नेपाल के पहले हाइड्रोजन प्लांट का प्रधानमंत्री ओली ने किया उद्घाटन, विश्वविद्यालय के छात्रों ने किया है तैयार
काठमांडू, 30 अगस्त (हि.स.)। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने काठमांडू विश्वविद्यालय के 29वें दीक्षांत समारोह में देश के पहले हाइड्रोजन प्लांट का शुक्रवार को उद्घाटन किया। इस प्लांट का निर्माण विश्वविद्यालय के छात्रों ने किया है। इस अवसर पर ओली ने हाइड्रोजन से चलने वाली कार का भी उद्घाटन किया। वह उसी कार से दीक्षांत समारोह स्थल पर पहुंचे।
इस अवसर पर ओली ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित हरित हाइड्रोजन उत्पादन एवं रिफ्यूलिंग स्टेशन का निर्माण एक अनुकरणीय कार्य है। इस प्रकार के प्रकल्प का निर्माण सिर्फ विश्वविद्यालय में ही नहीं बल्कि अन्य स्थानों पर भी किया जाना चाहिए। ओली ने याद किया कि उनके पहले कार्यकाल में हरित हाइड्रोजन और पवन ऊर्जा से बिजली उत्पादन पर चर्चा और अध्ययन शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि हाइड्रोजन वाहनों को पहली प्राथमिकता देनी चाहिए।
विश्वविद्यालय के हाइड्रोजन इनिशिएटिव्स के प्रमुख और एसोसिएट प्रोफेसर विराजसिंह थापा ने बताया कि बिजली और पानी को संसाधित कर हाइड्रोजन में परिवर्तित किया गया है। विश्वविद्यालय में पिछले दो वर्षों से हरित हाइड्रोजन ईंधन के उत्पादन और उपयोग का अध्ययन और शोध चल रहा है।
नेपाल ऑयल कॉरपोरेशन ने हाइड्रोजन उत्पादन और हाइड्रोजन वाहन संचालन के लिए विश्वविद्यालय को वित्तीय सहायता प्रदान की थी। निगम की मदद से हुंडई कंपनी की कारें पिछले अक्टूबर में दक्षिण कोरिया से आयात की गई थीं। कोरियाई हाइड्रोजन उत्पादन कंपनी के तकनीशियनों की मदद से विश्वविद्यालय में एक हाइड्रोजन ईंधन भरने वाला केंद्र स्थापित किया गया है। इसके लिए निगम ने विश्वविद्यालय को पांच करोड़ रुपये उपलब्ध कराये थे। इस सहयोग से विश्वविद्यालय ने 33 हजार अमेरिकी डॉलर की लागत से एक कार और 13 मिलियन रुपये की लागत से एक ईंधन भरने वाला केंद्र स्थापित किया है।
एसोसिएट प्रोफेसर थापा के अनुसार हाइड्रोजन रिफिल सेंटर में पानी से हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाता है और उत्पादित हाइड्रोजन को सुखाकर, शुद्ध करके कम दबाव वाले टैंक में संग्रहित किया जाता है और इसमें मौजूद हाइड्रोजन को उच्च दबाव वाले टैंक के माध्यम से कार में रिफिल किया जाता है।
विश्वविद्यालय के अनुसार अध्ययन एवं शोध के लिए विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित हाइड्रोजन रीफिल सेंटर से प्रतिदिन औसतन दो किलोग्राम हाइड्रोजन का उत्पादन होता है। एक किलोग्राम हाइड्रोजन का उत्पादन करने में 10 लीटर पानी और 40 से 45 यूनिट बिजली की खपत होती है। विश्वविद्यालय में लाई गई हुंडई कार में छह किलोग्राम हाइड्रोजन भरी जा सकती है और यह पूरी क्षमता से 650 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है। विश्वविद्यालय का लक्ष्य हाइड्रोजन ईंधन भरने वाले केंद्र की स्थापना के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट तैयार करना भी है ताकि 30 से 35 हाइड्रोजन वाहनों में ईंधन भरा जा सके। परिवहन के लिए हाइड्रोजन के उत्पादन का यह नेपाल का पहला प्रयास है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास
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