बिलावल ने कहा-हुकूमत ने संवैधानिक पैकेज के मुद्दे को विफल किया
इस्लामाबाद, 10 अक्टूबर (हि.स.)। पाकिस्तान के पूर्व विदेशमंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने बहुचर्चित संवैधानिक पैकेज को गलत तरीके से पेश करने के लिए हुकूमत की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकारी के रुख के कारण ही संसद में यह पारित नहीं हो सका। उन्होंने न केवल संघीय स्तर पर बल्कि सभी प्रांतों में एक संवैधानिक न्यायालय स्थापित करने पर भी जोर दिया।
डॉन समाचार पत्र के अनुसार, राजधानी इस्लामाबाद के जरदारी हाउस में बुधवार को पत्रकारों के एक समूह के साथ अनौपचारिक बातचीत में पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने कहा कि सरकार ने बिना उचित होमवर्क और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) जैसे सहयोगियों के समर्थन के बिना संवैधानिक कानून को आगे बढ़ाने की कोशिश की है। बिलावल ने साफ किया कि सरकार ने पहली बार सप्ताहांत (शनिवार और रविवार) को संसद में संवैधानिक पैकेज पेश करने की कोशिश की। तब उन्हें बताया गया था कि मौलाना फजल इसका समर्थन करेंगे। बाद में उन्हें पता चला कि वह आश्वस्त नहीं थे।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 12 जुलाई के फैसले के बाद स्थिति बदल गई। इस फैसले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को आरक्षित सीटें आवंटित की गईं। इस फैसले ने पैकेज को पारित करने के लिए सीनेट और नेशनल असेंबली दोनों में आवश्यक दो-तिहाई बहुमत हासिल करने में सरकार के आत्मविश्वास को तोड़ दिया।
बिलावल का मानना है कि पैकेज को मौलाना फजल और सरदार अख्तर मेंगल (बलूचिस्तान नेशनल पार्टी के अध्यक्ष) की सहमति के बिना संसद में पेश नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह मौलाना फजलुर रहमान को समझाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।
बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि उन्होंने विभिन्न अवसरों पर इमरान खान की पार्टी का समर्थन किया है। यह मौके हैं नौ मई की अशांति के आरोपितों के लिए सैन्य परीक्षणों का विरोध करना और इमरान खान के सत्ता से हटने के बाद 90 दिनों के भीतर आम चुनाव की संवैधानिक आवश्यकता का बचाव करना शामिल है। उन्होंने कहा, पीटीआई नफरत की राजनीति पर आमादा है। इसलिए उसे नुकसान हो रहा है।
भुट्टो जरदारी ने स्वीकार किया कि ऊंची कीमतें लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई हैं। हालांकि मुद्रास्फीति में हालिया गिरावट एक सकारात्मक कदम है। सबको संघीय सरकार को कार्यकाल पूरा करने का मौका देना चाहिए।' उन्होंने भ्रष्टाचार को खत्म करने और राजनीति और समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने की अपनी योजना का खुलासा किया। बिलावल ने कहा कि उन्हें लंबी पारी खेलनी है। भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सबसे पहले एनएबी (राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो) को खत्म करना होगा। एनएबी भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए नहीं बल्कि शासकों के राजनीतिक विरोधियों की बांहें मरोड़ने का काम करता है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद
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