संयुक्त राष्ट्र में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले की निंदा, 50 से अधिक जिलों में हिंदुओं को बनाया गया निशाना
ढाका, 10 अगस्त, (हि. स.) बांग्लादेश में ढाका समेत पूरे देश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के विरोध में ढाका में हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया। इन हमलों में एक शिक्षक सहित दो लोगों की मौत हो चुकी है और 45 लोग घायल हुए हैं। इसके अतिरिक्त दसियों करोड़ की संपत्ति को नष्ट किया गया है और मंदिरों पर हमले हुए हैं। यह सब शेख हसीना के प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग को लेकर छेड़े गए आंदोलन के दौरान रविवार और सोमवार को हुआ।
हसीना के इस्तीफे के बाद मंगलवार को भी ये हमले जारी रहे। प्रदर्शन में शामिल लोग अपनी सुरक्षा के लिए गुहार लगा रहे थे और खुद के बंगाली होने के पोस्टर हाथ में लिए हुए थे। उन्होंने शांति की मांग को लेकर सड़क के एक हिस्से पर जाम भी लगाया। मुस्लिम बहुल बांग्लादेश की मुस्लिम बहुल 17 करोड़ की आबादी में हिंदू करीब आठ प्रतिशत (1.35 करोड़) हैं। देश की बहुसंख्य हिंदू आबादी परंपरागत रूप से शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग की समर्थक रही है और हिंसा में अवामी लीग के समर्थक व कार्यालय हिंसक आंदोलनकारियों के निशाने पर रहे हैं। बांग्लादेश हिंदू, बौद्ध, ईसाई एकता परिषद के अनुसार, देश के 64 जिलों में से 52 में हिंदुओं और उनकी संपत्तियों को निशाना बनाया गया। परिषद ने कहा है कि देश में रहने वाले अल्पसंख्यकों की आबादी इस स्थिति से बुरी तरह से आशंकित, बेचैन और भविष्य की अनिश्चितता को लेकर डरी हुई है। परिषद ने सरकार प्रमुख मुहम्मद यूनुस से सुरक्षा और संरक्षण की मांग की है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के कार्यालय ने कहा है कि बांग्लादेश में हिंसा को रोका जाए। बयान में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र हर तरह की नस्लभेदी हिंसा के खिलाफ है, उसकी रोकथाम के तत्काल उपाय किए जाएं। हिंसा के शिकार और भयभीत हजारों बांग्लादेशी हिंदू पड़ोसी देश भारत में प्रवेश के लिए सीमा पर पहुंचे हुए हैं। उन्हें समझा-बुझाकर वापस किया जा रहा है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स पर बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक की सुरक्षा की अपील की है। शपथ लेने के बाद बांग्लादेश सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने देश में लोकतंत्र, न्याय, मानवाधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कायम करने का वादा किया है। बांग्लादेश में अराजकता के बीच अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस के प्रवक्ता ने कहा कि हम निश्चित रूप से नस्लीय आधारित हमले या इसके आधार पर हिंसा उकसाने के विरुद्ध खड़े हैं।
यूएन महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक ने गुरुवार को कहा कि हमने जो स्पष्ट किया वह यह है कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हाल के हफ्तों में बांग्लादेश में होने वाली हिंसा को कम किया जाए। वह बांग्लादेश में हिंदुओं व अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले को लेकर यूएन महासचिव की प्रतिक्रिया पूछे जाने पर जवाब दे रहे थे।
बांग्लादेश में भयानक अराजकता के बीच शेख हसीना के पीएम पद से इस्तीफा देने और भारत पहुंचने के बाद से अब तक कई हिंदू मंदिरों और उनके घरों और दुकानों में तोड़फोड़ की गई। इस दौरान शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग से जुड़े कम से कम दो हिंदू नेताओं की हत्या कर दी गई।
यूएन के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी नई अंतरिम सरकार से संयुक्त राष्ट्र को उम्मीदें हैं। निश्चित रूप से जनता के बीच हिंसा में कमी का कोई भी संकेत एक अच्छी बात है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या महासचिव गुटेरस ने यूनुस को बधाई दी या उनसे फोन पर बात की। इसके जवाब में फरहान ने कहा कि गुटेरस ने बात नहीं की लेकिन यूएन के रेजिडेंट क्वार्डिनेटर ग्वीन लेविस ने शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था।
हिन्दुस्थान समाचार / अजीत तिवारी / प्रभात मिश्रा
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