मालदीव के चुनावों के लिए मतपेटियां भारत, श्रीलंका, मलेशिया में भी रखी जाएंगी

WhatsApp Channel Join Now


माले, 18 मार्च (हि.स.)। मालदीव के निर्वाचन आयोग के अनुसार आगामी संसदीय चुनावों के लिए मतपेटियां भारत, श्रीलंका और मलेशिया में भी रखी जाएंगी। निर्वाचन आयोग ने कहा कि मालदीव के 11,000 लोगों ने अपने मतदान केंद्रों को स्थानांतरित करने के लिए पुन: पंजीकरण का अनुरोध किया है।

आयोग की अधिसूचना का हवाला देते हुए मीडिया की खबरों में कहा गया है कि 21 अप्रैल के संसदीय चुनावों के लिए लोगों को अपने मतदान केंद्रों को स्थानांतरित करने के संबंध में दी गई छह दिन की अवधि शनिवार को समाप्त हो गई। आयोग ने कहा कि मालदीव के चुनावों के लिए मतपेटियां केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम, श्रीलंका के कोलंबो और मलेशिया के कुआलालंपुर में भी रखी जाएंगी, क्योंकि तीनों देशों में से प्रत्येक में कम से कम 150 लोग मतदान करने के लिए पुन: पंजीकरण कराएंगे।

निर्वाचन आयोग के महासचिव हसन जकारिया ने कहा, ‘‘पहले की तरह, श्रीलंका और मलेशिया में कई लोगों ने पंजीकरण कराया है। भारत के तिरुवनंतपुरम में 150 लोगों ने पंजीकरण कराया है, इसलिए हमने वहां एक मतपेटी रखने का फैसला किया है।’’

निर्वाचन आयोग को इस अवधि के दौरान विभिन्न मतदान केंद्रों पर पुन: पंजीकरण का अनुरोध करने वाले 11,169 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। ‘एडिशन डॉट एमवी’ समाचार पोर्टल की खबर के अनुसार, आयोग ने 1,141 फॉर्म खारिज कर दिए, जिसके बाद पंजीकरण के लिए कुल आवेदन 10,028 हैं।

पिछले चुनावों की तुलना में इस साल पुन: पंजीकरण कराने वालों की संख्या कम होने का जिक्र करते हुए जकारिया ने कहा कि ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और थाईलैंड में मतदान नहीं होगा।

मालदीव में संसदीय चुनाव रविवार को होने थे, हालांकि, रमजान के महीने के दौरान चुनाव कराने से परहेज करने के लिए एक अधिनियम में संशोधन के बाद चुनाव की तारीख टाल दी गई। संसदीय चुनाव अब 21 अप्रैल को होने हैं।

मालदीव की 93 संसदीय सीटों के लिए कुल 389 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।

सबसे अधिक संख्या में उम्मीदवार भारत समर्थक मुख्य विपक्षी दल मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) से हैं-जो 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसके बाद प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) और पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) का सत्तारूढ़ गठबंधन है, जो 89 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है।

चीन समर्थक माने जाने वाले राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पिछले साल भारत विरोधी रुख के साथ सत्ता में आए थे। वह पीएनसी से जुड़े हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ अजीत तिवारी/प्रभात

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story