बांग्लादेश में नोबल विजेता टैगोर की ऐतिहासिक रवींद्र कचहरीबाड़ी पर हमला


ढाका, 10 जून (हि.स.)। बांग्लादेश में नोबल विजेता गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की स्मृतियों से जुड़ी ऐतिहासिक रवींद्र कचहरीबाड़ी पर आज दोपहर से पहले कुछ युवकों ने हमला कर तोड़फोड़ की। पुलिस के दखल देने से गुस्साए युवक और उग्र हो गए। हमले के दौरान कर्मचारियों और आगंतुकों सहित पांच-छह लोगों को चोट आई है।
द डेली स्टार अखबार की खबर के अनुसार, पुलिस ने आज बताया कि आठ जून को मोटरसाइकिल पार्किंग को लेकर रवींद्र कचहरीबाड़ी के कर्मचारियों के साथ संभवतः इस समूह के लोगों का झगड़ा हुआ था। कचहरीबाड़ी के संरक्षक हबीबुर रहमान ने बताया कि युवकों ने आज सुबह करीब 11:30 बजे प्रवेश द्वार तोड़ दिया। सभागार, दरवाजे और खिड़कियों में तोड़फोड़ की। हालांकि हमले में कचहरीबाड़ी परिसर में बनी हवेली को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। इस हवेली में नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के नाम पर एक स्मारक संग्रहालय है। यह संग्रहालय सिराजगंज के शाहजादपुर उपजिला में है।
हबीबुर ने कहा, हमले के समय परिसर में कुछ आगंतुक थे। वह यह सब देखकर घबरा गए। हम सबने हमले के दौरान शरण ली और तुरंत पुलिस को सूचित किया। उन्होंने कहा कि संग्रहालय की तरफ बढ़ रहे हमलावरों को कर्मचारियों ने रोकने की कोशिश की। इसी बीच पुलिस पहुंच गई। उन्होंने कहा कि हमले के दौरान कर्मचारियों और आगंतुकों सहित पांच-छह लोग घायल हो गए।
शहाजादपुर थाना प्रभारी असलम अली के अनुसार, जांच में यह खुलासा हुआ है कि आठ जून को कचहरीबाड़ी के बाहर मोटरसाइकिल पार्क करने को लेकर कर्मचारियों के साथ हमलावरों का झगड़ा हुआ था। परिसर में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है और वहां पुलिस तैनात कर दी गई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके पुरखे बताया करते थे कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के दादा राजकुमार द्वारकानाथ ने 1840 में नटौर की जमींदार रानी भबानी से शहजादपुर में यह संपत्ति खरीदी थी। इसके बाद टैगोर कई बार शहजादपुर आए और कई सालों तक कचहरीबाड़ी की हवेली में रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद