पाकिस्तान में सैन्य अधिकारी व उनके तीन परिजन टीटीपी के कब्जे में, वीडियो में रिहाई के लिए आतंकी समूह की मांगें मानने की गुहार
डेरा इस्माइल खान, 30 अगस्त (हि.स.)। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से गुरुवार को अगवा किए गए एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी सहित दो-तीन लोगों के अलग-अलग वीडियो प्रतिबंधित आतंकी समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने जारी किए हैं। आतंकवादी इस सैन्य अधिकारी, उनके दो भाइयों और भतीजे को डेरा इस्माइल खान के उनके पैतृक क्षेत्र कलाची तहसील के मोहल्ला खादर खेल की एक मस्जिद से जबरिया उठा ले गए थे। मस्जिद में सैन्य अधिकारी पिता के जनाने में मिट्टी देने पहुंचे थे। डॉन अखबार की वेबसाइट में आज सुबह जारी रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान आर्मी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की है।
पाकिस्तान की वेबसाइट मशाल रेडियो के मुताबिक, अगवा किए गए सैन्य अधिकारी का नाम लेफ्टिनेंट कर्नल खालिद है। आतंकवादी खालिद व उनके दो भाई आसिफ और फहद के अलावा भतीजे अब्राहम को भी साथ ले गए। ऑफिसर अपने पिता की मौत के बाद जनाजे में मिट्टी देने पहुंचे थे। पाकिस्तान के संचार माध्यमों के मुताबिक, अगवा किए गए सैन्य अधिकारी के भाइयों में से एक रावलपिंडी छावनी बोर्ड और दूसरा नादरा के लिए काम करता है। डॉन अखबार के अनुसार अलग-अलग वीडियो में अपहृत व्यक्तियों में से दो भाइयों को काले कपड़े के सामने बैठा दिखाया गया है। वे नकाबपोश बंदूकधारियों से घिरे हुए हैं।
वीडियो फुटेज में अगवा दोनों भाई कहते हैं कि “हम सुरक्षित हैं और सरकार के नियंत्रित क्षेत्र से बहुत दूर तालिबान के कब्जे में हैं। सरकार और उच्च अधिकारी हमारी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए तालिबान की मांगों को जल्द से जल्द स्वीकार कर लें। उन्होंने अपने रिश्तेदारों से आग्रह किया कि वे उनके अपहरण के बारे में सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट न करें।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का पुराना नाम पाकिस्तान तालिबान है। यह आतंकी समूह अब तक कई खतरनाक हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है। इनमें 2008 में इस्लामाबाद का मैरियट होटल और 2009 में आर्मी हेडक्वार्टर पर हमला भी शामिल है। 2012 में टीटीपी ने ही मलाला युसुफजई पर भी हमला किया था। टीटीपी ने मलाला के सिर में गोली मार दी थी। समूह ने मलाला युसुफजई को 'वेस्टर्न माइंडेड लड़की' कहा था। इसके बाद टीटीपी ने 2014 में भी पेशावर के एक आर्मी स्कूल में गोलीबारी की थी। इस हमले में कम से कम 150 लोग मारे गए थे। इनमें 131 बच्चे थे।
आतंकवाद का कारखाना कहे जाने वाले पाकिस्तान में अब तक जितने भी आतंकी संगठन या समूह अस्तित्व में आए हैं, उनमें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को सबसे खतरनाक माना जाता है। खास बात यह है कि इस संगठन के पाकिस्तान फौज में हजारों समर्थक हैं और यही पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद
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