भूटान में वार्षिक धार्मिक त्योहार शेचू आयोजित
- असम के कई लोगों को महोत्सव में किया गया आमंत्रित
पानबांग (भूटान), 04 नवंबर (हि.स.)। भूटान के पानबांग में 01 नवंबर से चार दिनों के लिए देश का सबसे बड़ा धार्मिक त्योहार शेचू आयोजित किया गया। यह उत्सव पानबांग शहर के पास आयोजित एक बौद्ध मठ में आयोजित किया गया। जो प्राकृतिक सुंदरता से ओतप्रोत है।
तिब्बती चंद्र कैलेंडर के अनुसार शेचू या मास्क फेस्टिवल प्रतिवर्ष इस विशेष महीने के दसवें दिन शुरू किया जाता है। त्योहार आमतौर पर चार या पांच दिनों के लिए आयोजित किया जाता है। इस उत्सव में असम के मुखौटा नृत्य के साथ कुछ समानताएं भी हैं। इस शेचू उत्सव के मुख्य पूजनीय देवता गुरू रिनपोचे हैं, जिनका मानव रूप पद्मसंभव है। गुरु रिनपोचे या पद्मसंभव 8वीं शताब्दी में तिब्बत और भूटान की यात्रा करके तांत्रिक बौद्ध धर्म को भूटान लेकर आए। इस त्योहार का दिलचस्प पहलू पवित्र शाम नृत्य है, जो अलंकृत परिधान पहने हुए साधारण और संन्यासियों दोनों द्वारा किया जाता है। ये सत्य गुरु रिनपोचे या पद्मसंभव के जीवन में हुई घटनाओं को फिर से दर्शाते हैं, जिनमें से अधिकांश बुराई को हराकर अच्छाई की जीत को दर्शाते हैं।
भूटानी मानते हैं कि इन नृत्यों को देखने से वे धन्य, प्रबुद्ध और शुद्ध हो जाते हैं। नृत्य के साथ लोक गीत प्रस्तुत किये जाते हैं। इस दौरान ढोल, बांसुरी, याक के सींग वाले वाद्ययंत्र सहित विभिन्न लोक वाद्ययंत्र बजाए जाते हैं। दूसरी ओर, नर्तक लकड़ी के मुखौटे पहनते हैं, जो जानवरों की विभिन्न अभिव्यक्तियों, खूंखार देवता, गुरू रिनपोचे का प्रतिनिधित्व करते हैं।
इस उत्सव में किसी भी स्थानीय लोगों को आमंत्रित नहीं किया जाता है, हर कोई स्वयं आता है और इसमें भाग लेता है। हालांकि, असम के कई लोगों को महोत्सव में आमंत्रित किया गया था। आज पूरे हर्षोल्लास के साथ पानबांग में आयोजित शेचू उत्सव का समापन पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ हुआ।
हिन्दुस्थान समाचार /श्रीप्रकाश/अरविंद/वीरेन्द्र
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