नेपाल में बनी स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक 'राम-लक्ष्मण' वोटिंग मशीन का प्रयोग करेगी ओली की पार्टी

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नेपाल में बनी स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक 'राम-लक्ष्मण' वोटिंग मशीन का प्रयोग करेगी ओली की पार्टी


काठमांडू, 16 दिसंबर (हि.स.)। नेपाल में दो उ‍द्यमी भाइयों ने एक इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का आविष्कार किया है जिसका प्रयोग पहली बार नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी) (नेकपा-एमाले) अपने 11वें राष्ट्रीय महाधिवेशन में मतदान के लिए करने जा रही है। यदि यह प्रयोग सफल रहा तो इसका उपयोग आम चुनाव में करने विचार किया जा सकेगा।

नेकपा एमाले केंद्रीय निर्वाचन आयोग के अध्यक्ष विजय सुब्बा ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महाधिवेशन के लिए कुल 100 इलेक्ट्रॉनिक 'राम-लक्ष्मण' वोटिंग मशीनें लाई गई हैं, जिनमें से 80 मशीनों का प्रयोग मतदान में किया जाएगा।

सुब्बा के अनुसार, एक मतदाता को मतदान करने में कम से कम 25 से 30 मिनट लगेंगे। महाधिवेशन में कुल 2,263 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

राम–लक्ष्मण इनोवेशन प्रा. लि. के संचालक लक्ष्मण रिमाल ने बताया कि 10 मशीनें अभ्यास (डेमो) के लिए तथा 10 अतिरिक्त मशीनें रखी गई हैं। इससे पहले, वर्ष 2021 में सौराहा में आयोजित 10वें महाधिवेशन में भी इलेक्ट्रॉनिक मशीनों के माध्यम से मतदान किया गया था।

रिमाल बंधुओं द्वारा विकसित यह मशीन ‘ऑफलाइन सिस्टम’ पर आधारित है, जिसके कारण इसे हैक नहीं किया जा सकता, ऐसा उनका दावा है। उनके अनुसार, मतदान के बाद प्रमाण के रूप में मशीन से प्रिंटेड कागज निकलता है, जिसे यदि मामला अदालत तक जाता है तो अदालत द्वारा मान्य किया जा सकता है। मशीन में डिजिटल हस्ताक्षर होते हैं और मतदान का रिकॉर्ड मशीन में दो स्थानों पर सुरक्षित रहता है।

अनुसंधानकर्ता लक्ष्मण रिमाल ने बताया कि उनके द्वारा बनाई गई मशीन से मतदान तेज़ी से होता है, मत रद्द होने की संभावना बिल्कुल नहीं रहती, और मतगणना भी केवल एक बटन क्लिक करते ही तुरंत पूरी होकर परिणाम सार्वजनिक हो जाता है।

अनुसंधानकर्ता भाई राम–लक्ष्मण रिमाल की इच्छा है कि उनके द्वारा विकसित इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को देश के किसी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में भी प्रयोग करने का अवसर मिले।

लक्ष्मण रिमाल ने कहा, “मतदाताओं को अलग से मतदाता शिक्षा की आवश्यकता नहीं पड़ती। न केवल बुजुर्गों बल्कि दिव्यांग व्यक्तियों के लिए भी मतदान आसान हो जाता है। मतदान तेज़ होता है, मत निरस्त होने की संभावना शून्य रहती है और मतगणना एक क्लिक में पूरी हो जाती है। इसमें कोई झंझट नहीं है।”

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास

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