पद्म भूषण नंदमुरी बालकृष्ण ने बाबा विश्वनाथ के दरबार में लगाई हाजिरी

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- काशी में अखंडा 2 का किया प्रमोशन

वाराणसी, 19 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी में शुक्रवार को पहुंचे दक्षिण भारतीय सिनेमा के सुपरस्टार एवं पद्म भूषण नंदमुरी बालकृष्ण ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में हाजिरी लगाई। बाबा के दरबार में एम. तेजस्विनी नंदामुरी के साथ विधिवत दर्शन पूजन कर अभिनेता नंदामुरी ने अपनी आने वाली फिल्म की सफलता के लिए बाबा से प्रार्थना की। इसके बाद अभिनेता ने अपनी फिल्म अखंडा 2 का प्रमोशन भी किया। इस दौरान अभिनेता को देखने के लिए प्रशंसकों की भीड़ भी जुट गई। तेलगु फ़िल्मों के जाने-माने अभिनेता रहे आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अब स्मृतिशेष नंदमूरि तारक रामाराव (एनटी रामाराव) के पुत्र नंदामुरी बालकृष्ण को लंबे समय से ताकत, विश्वास और सच्चाई पर आधारित बड़े-बड़े किरदार निभाने के लिए जाना जाता है। अखंडा 2 के प्रमोशन के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर घाट पर उनकी मौजूदगी, एक ऐसी फिल्म जो पहले भाग को ब्लॉकबस्टर बनाने वाले आध्यात्मिक और जन तत्वों को और बढ़ाएगी। अभिनेता की इस वाराणसी यात्रा ने फिल्म को लेकर उत्साह बढ़ा दिया है, जो आगे एक शानदार प्रमोशनल यात्रा की शुरुआत कर रहा है और अखंडा 2 को सबसे बहुप्रतीक्षित सिनेमाई दृश्यों में से एक के रूप में फिर से स्थापित कर रहा है।

अभिनेता ने कहा कि पवित्र काशी विश्वनाथ मंदिर घाट पर खड़े होकर मुझे अपार शक्ति और कृतज्ञता महसूस हो रही है। अखंडा 2 एक भावना है जो विश्वास, सच्चाई और आंतरिक शक्ति में निहित है। मुझे उम्मीद है कि इस पवित्र स्थान की ऊर्जा और भावना दर्शकों तक पहुंचेगी जब वे फिल्म देखेंगे। बोयापति श्रीनु द्वारा निर्देशित, म्यूजिकल तूफान एस. थमन द्वारा संगीतबद्ध और ज़ी स्टूडियोज़ के सहयोग से गोपी अचंता द्वारा निर्मित, अखंडा 2 में बालकृष्ण के साथ संयुक्ता भी हैं। ‎

'अखंडा 2' के प्रमोशन के लिए चुनी काशी

काशी विश्वनाथ मंदिर के गंगा द्वार पर '14 रील्स प्लस बैनर' के तहत एम. तेजस्विनी नंदमुरी की फिल्म 'अखंडा 2' का प्रमोशन किया गया। इस दौरान नंदमुरी बालकृष्ण ने फिल्म के विषय में बताया कि 'अखंडा 2' सनातन धर्म पर आधारित फिल्म है, जो आस्था, सत्य और आत्मबल की भावना को दर्शाती है। नंदमुरी बालकृष्ण ने बताया कि 'अखंडा' का पहला भाग वर्ष 2021 में कोविड काल के दौरान रिलीज किया गया था। उस समय जब अधिकांश निर्माता और निर्देशक फिल्म रिलीज करने से हिचक रहे थे, तब इस फिल्म को दर्शकों के बीच लाया गया। उन्होंने कहा कि यह फिल्म केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज का आईना है। उन्होंने बताया कि पिछले 25 वर्षों से वे फिल्मों के माध्यम से समाज से संवाद कर रहे हैं। सिनेमा केवल कहानी कहने का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना को आगे बढ़ाने का जरिया भी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

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