दशरथ मांझी का मंचन : दृढ़ संकल्प के साथ काम करने का संदेश दिया

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दशरथ मांझी का मंचन : दृढ़ संकल्प के साथ काम करने का संदेश दिया


दशरथ मांझी का मंचन : दृढ़ संकल्प के साथ काम करने का संदेश दिया


दशरथ मांझी का मंचन : दृढ़ संकल्प के साथ काम करने का संदेश दिया


प्रयागराज, 18 जून (हि.स.)। किसी भी कार्य के प्रति पूर्ण ईमानदारी और दृढ़ संकल्प की भावना हो तो बिना किसी रुकावट के मुश्किल से मुश्किल काम भी आसान हो जाते हैं। यह बातें कला थियेटर मुट्ठीगंज में एकता संस्था द्वारा मंचित नाटक “दशरथ मांझी” के माध्यम से कही गई।

संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से “एकता रेपर्टरी” के अंतर्गत युवा लेखक अजीत दुबे द्वारा लिखित नाटक “दशरथ मांझी” में यह दिखाने का प्रयास किया गया कि जनहित की खातिर मुश्किल से मुश्किल काम अगर पूर्ण निष्ठा, निःस्वार्थ भाव और दृढ़ संकल्प के साथ किया जाये तो बिना किसी बांधा के सफलता अवश्य मिलती है।

यह नाटक बिहार प्रांत के गहलोर गांव के रहने वाले दशरथ मांझी नाम के एक व्यक्ति के जीवन की सच्ची घटना पर आधारित है। पहाड़ी इलाका होने के कारण आवागमन की बहुत असुविधा थी। रास्ता खराब होने के कारण रोजमर्रा की जिंदगी बहुत मुश्किल से कट रही थी। पांच मिनट का रास्ता 50 मिनट में पूरा होता था। रास्ता के कारण ही गम्भीर रूप से अस्वस्थ लोगों को सही समय पर इलाज न मिल पाने के कारण उनकी मौत हो जाती थी। यह सब देखकर दशरथ मांझी बहुत विचलित होते थे।

उन्होंने दृढ़ संकल्प लिया कि वह पत्थरों को काटकर सुलभ रास्ता बनाएंगे। छेनी-हथौड़ी उठाकर कर वह पहाड़ियों को काटने चल दिए। अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बिना वह दिन रात पहाड़ियों को काटने में लगे रहे। इस प्रकार 22 साल गुजर गए। आखिरकार उनको सफलता मिल ही गई। उन्होंने गांव से शहर जाने के लिए बहुत ही आसान रास्ता बना दिया। नाटक के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया किया गया कि दृढ़ इच्छाशक्ति, मजबूत इरादे के साथ असम्भव काम को भी सम्भव बनाया जा सकता है।

दशरथ मांझी युवा की भूमिका में चित्तजीत मित्रा, दशरथ मांझी वृद्ध की भूमिक में उत्तम कुमार बनर्जी, फागुनी की भूमिका में राशि पांडे, जमीदार की भूमिका मदन कुमार, पत्रकार की भूमिका में प्रतीक श्रीवास्तव ने प्रभावपूर्ण अभिनय किया। प्रकाश व्यवस्था सुजॉय घोषाल, रूप सज्जा मो. हामिद अंसारी, वस्त्र विन्यास पूनम मिश्रा, इफ्फत सईदा, नबा, सेट निर्माण वरुण कुमार, संगीत संयोजन मीना मिश्रा। मंच सामग्री राखी, रुपमा की थी। परिकल्पना एवं निर्देशन सुदीपा मित्रा ने किया।

संस्था के महासचिव जमील अहमद ने संस्था की गतिविधियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। उमा दीक्षित, अलवीना जमील, विद्या रंजन, कार्तिकेय गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया। मंच संचालन रेणुराज सिंह एवं संस्था अध्यक्ष रतन दीक्षित ने धन्यवाद प्रस्तुत किया।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/मोहित

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