(साक्षात्कार) स्पोर्ट्स को शूट करना सबसे चुनौतीपूर्ण काम है: कार्तिक आर्यन

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(साक्षात्कार) स्पोर्ट्स को शूट करना सबसे चुनौतीपूर्ण काम है: कार्तिक आर्यन


(साक्षात्कार) स्पोर्ट्स को शूट करना सबसे चुनौतीपूर्ण काम है: कार्तिक आर्यन


एक जमाना था जब बॉलीवुड की फिल्में मायानगरी के आकाश में चमक रहे सितारों की चमक से चलती थीं। तब शाहरुख, सलमान और आमिर खान जैसे फिल्मी सितारों के दीवाने उनके नाम पर फिल्में देखने जाया करते थे, लेकिन समय के साथ समाज बदला तो सिनेमा और उसकी दुनिया भी बदल गई। अब लोग सितारों की वजह से फिल्में देखने नहीं जाते बल्कि तब देखते हैं जब उनको फिल्म में दम नजर आता है, कलाकारों में कलाकारी दिखती है। यदि ऐसा नहीं होता तो अजय देवगन, कंगना रनौत, अक्षय कुमार, टाइगर श्रॉफ और जॉन अब्राहम जैसे बड़े सितारों की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप नहीं होतीं, दूसरी तरफ कार्तिक आर्यन जैसे साधारण अभिनेता की फिल्म साल दर साल हिट पर हिट नहीं होती। ग्वालियर से निकला हिंदी पट्टी के इस अभिनेता ने क्या करिश्माई अभिनय किया अपनी हर फिल्म में। चाहे ''प्यार का पंचनामा'' हो, ''फ्रेडी'' हो या फिर ''भूल भुलैया'', हर फिल्म में किरदारों के साथ इंसाफ करते दिखे कार्तिक आर्यन। प्यार का पंचनामा से शुरू हुआ सफर चंदू चैंपियन से आगे भी जारी रहे, इस दुआ के साथ शुभकामनाएं! कार्तिक इसी महीने अपनी फिल्म ‘चंदू चैंपियन’ लेकर दर्शकों के बीच हाजिर होंगे। अभिनेता ने रिलीज से पहले हिन्दुस्थान समाचार से विशेष बातचीत की। प्रस्तुत हैं संक्षिप्त अंश-

ये पहली बार है जब आप ने किसी बायोपिक फिल्म पर काम किया, इसका अनुभव कैसा था?

- मैं बहुत खुश हूं कि इस किरदार को निभाने का अवसर मुझे मिला। ऐसी बहुत कम कहानियां हैं जो लोगों तक पहुंच पाती हैं लेकिन इस फिल्म का सफ़र बेहद मुश्किल रहा है। इस फिल्म के लिए मानों में मशीन बन चुका था। मानों बाहर की दुनिया से मेरा कोई लेना-देना ही नहीं था। मैं केवल इस फिल्म, अपना जिम, बॉक्सिंग और फिर घर इन्हीं में उलझा रहता था। मुझे न्यूट्रीशन को लेकर जो सलाह दी गई थी वही खाना खाता रहा हूं। दो साल तक वो करना मेरे लिए सबसे ज्यादा मुश्किल था। जिमिंग का अंदाज भी बदला। मैंने सब कुछ बेसिक से शुरू किया और खान-पान में सारे अल्टरनेट फूड खाने शुरू किए। मैं कोल्ड कॉफी, चाय, मीठी चीजें, चिप्स आदि खाता था, तो मुझे सब छोड़ना पड़ा। ये सारी चीजें मेरे लिए आसान नहीं थीं और साथ ही शूटिंग के दौरान भी कई मुश्किलें आईं क्योंकि स्पोर्ट्स को शूट करना सबसे चुनौतीपूर्ण काम है। फिल्म में स्विमिंग, दंगल या बॉक्सिंग हर चीज है और इन्हें फिल्माना आसान नहीं था। मेरी ऑडियंस को ये मेरा तोहफा है। उम्मीद है कि वे इसे हमेशा याद रखेंगे।

इस फिल्म का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार है, इसे लेकर नर्वस हैं?

- ये एक ऐसी फिल्म है जिस पर मुझे हमेशा गर्व है क्योंकि जिस तरह से ये फिल्म बनकर आई है और जिस तरह की ये कहानी है, गांव से लेकर शहर तक के लोग इस कहानी से जुड़ाव महसूस करेंगे। जब मुझे पहली बार ये कहानी सुनाई गई तो मैं आश्चर्य में था कि हमें ये कहनी अब तक पता क्यों नहीं है। उनके अचीवमेंट अतुलनीय हैं, पूरे देश में हर बच्चे को उनका नाम और उनकी कहानी पता होनी चाहिए। जो भी इस फिल्म को सिनेमाघर में देखेगा इसे जरूर पसंद करेगा।

फिल्म में कबीर खान से आपको कितनी मदद मिली और आप अपना भी इनपुट देते थे?

- फिल्म की कहानी के कई पहलु हैं और उन्हें शूट करने के साथ ही मुझे जबरदस्त फिजिकल ट्रांसफॉर्मेशन की जरूरत थी, तो सभी चिंतित थे कि ये ठीक तरह से हो पाएगा की नहीं लेकिन मैंने तय किया था कि मैं नेचुरल तरीके से बॉडी बनाउंगा और किसी भी प्रकार का शॉर्टकट नहीं लूंगा। मुझे डेढ़ साल लगें लेकिन मैं पूरी तरह से सिर्फ इस फिल्म पर काम किया। समय लगा लेकिन सभी का कॉन्फिडेंस बढ़ा क्योंकि ‘फ्रैडी’ के बाद मेरा डाइट 39 प्रतिशत था और मुझे इसे 12 प्रतिशत पर लाना था लेकिन मैंने मेहनत इतना किया कि मैं 7 प्रतिशत तक आ गया। मेरी मेहनत का नतीजा मुझे मिला। कबीर सर मेरी लगन से बेहद खुश थे और फिल्म की शूटिंग खत्म होने के बाद उन्होंने मुझे रस मलाई खिलाई जो मुझे बहुत पसंद है। दो साल बाद मैंने मीठा खाया।

मनोज बाजपेयी ने आपके फिल्मों की चॉइस की प्रशंसा करते हुए कहा कि आप एक मेनस्ट्रीम एक्टर हैं? इस पर क्या कहना चाहेंगे?

- मैं उनका आभार हूं कि उनके जैसे एक बड़े कलाकार मुझे इतना प्रोत्साहित करते हैं। मैं हमेशा से उनका फैन रहा हूं जोकि वे जानते भी हैं। मैं चाहता हूं कि वो चंदू चैंपियन जरूर देखें। जब उन्होंने मेरे बारे में बात की थी तो मैं बेहद खुश हुआ था।

फैंस कह रहे हैं कि इस फिल्म से आप नेशनल अवॉर्ड जीतने की क्षमता रखते हैं, क्या कहेंगे?

- मैं इस पर कुछ भी नहीं कहना चाहूंगा (मुस्कुराते हुए)। मैं चाहता हूं कि इस फिल्म को, इस किरदार को प्यार मिले। इस कहानी को अधिक मान्यता म्मिलना ज्यादा जरूरी है। मुझे लगता है कि इस फिल्म का सफर ही मेरा असली अवॉर्ड है क्योंकि इस पर काम करके मैं बहुत कुछ पाया है। केवल इतना चाहता हूं कि लोग इसे देखने जरूर आएं।

हिन्दुस्थान समाचार/लोकेश चंद्रा/पवन

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