ऐतिहासिक फिल्म 'मंथन' 48 साल बाद फिर नए रंग रूप में कल होगी रिलीज
- भारत के किसानों से धन संग्रह कर बनाने वाली थी पहली फिल्म
नई दिल्ली, 31 मई (हि.स.)। फिल्म निर्माता-निर्देशक श्याम बेनेगल ने वर्ष 1976 में एक चर्चित फिल्म बनाई थी, जिसका नाम था मंथन। यह फिल्म एक बार फिर अपने नए रंग रूप के साथ 1 और 2 जून को देशभर के सिनेमाघरों में फिर से रिलीज की जा रही है। फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन की पहल पर पुनरुद्धारित की गई इस फिल्म का हाल ही में कान्स फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शन किया गया था, जहां इसे भरपूर सराहना मिली।
अभिनेता गिरीश कर्नाड, नसीरुद्दीन शाह व स्मिता पाटिल जैसे मझे हुए कलाकारों को लेकर गई यह फिल्म वर्ष 1976 में रिलीज हुई थी। बड़ी बात यह है कि यह भारत की पहली क्राउड फंडेड फिल्म थी। इस फिल्म के लिए लोगों ने अपना पैसा लगाया था। यह एक इतिहास है कि इस फिल्म के निर्माण के लिए पांच लाख किसानों से दो - दो रुपए उस जमाने में इकट्ठा किए गए थे। दरअसल मंथन फिल्म श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीस कुरियन से प्रेरित एक असाधारण डेयरी सहकारी आंदोलन की शुरुआत का एक काल्पनिक संस्करण है, जिसने भारत को दूध की कमी वाले देश से दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक देश में बदल दिया।
फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन के संस्थापक शिवेन्द्र सिंह डूंगरपुर ने बताया कि हम गुजरे जमाने की ऐसी बेहतरीन फिल्मों को बचाने और उनका पुनरूद्धार करने का काम कर रहे हैं। ऐसी फिल्मों की रील बहुत खराब अवस्था में पहुंच चुकी है। हम उस फिल्म के मूल को बचाने के लिए कुछ आधुनिक तकनीकी का उपयोग कर उसमें कुछ बेहतर चमक व साउंड से साथ प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे हैं। अब तक ऐसी तीन फिल्म हम तैयार कर चुके हैं। इसी क्रम में मंथन शनिवार से देश के 50 शहरों के एक सौ सिनेमा घरों में रिलीज की जा रही है। फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन और गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड, पीवीआर-आईएनओएक्स लिमिटेड और सिनेपोलिस के साथ मिल कर इस फिल्म को रिलीज़ करेगा।
निर्माता-निर्देशक श्याम बेनेगल ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा है कि “कान्स फिल्म फेस्टिवल में वर्ल्ड प्रीमियर के दौरान “मंथन” के पुनरुद्धार को मिली शानदार प्रतिक्रिया के बारे में सुनकर मुझे बहुत खुशी हुई। मुझे इस बात की और भी खुशी है कि यह फिल्म एक बार देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज होगी। वर्ष 1976 में जब मंथन रिलीज़ हुई, तो यह एक बड़ी सफलता थी क्योंकि किसान स्वयं छोटे शहरों और गांवों से बैलगाड़ियों में यात्रा करके बड़ी संख्या में फिल्म देखने आए थे।
फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कहा है कि “कान्स फिल्म फेस्टिवल में इसके प्रीमियर पर पुनर्स्थापित “मंथन” को देखना मेरे लिए एक बहुत ही भावनात्मक अनुभव था। मैं लगभग पचास साल पहले की यादों से अभिभूत हो गया, जब सिनेमा बदलाव का माध्यम था और तालियों से मेरी आंखों में आंसू आ गए, जो सिर्फ मेरे लिए नहीं था बल्कि उस फिल्म के लिए थे, जो समय की कसौटी पर खरी उतरी। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि यह फिल्म पूरे भारत के सिनेमाघरों में रिलीज होगी। मैं दोबारा फिल्म देखने के लिए खुद थिएटर जाऊंगा।''
मंथन की शूटिंग प्रसिद्ध छायाकार और निर्देशक गोविंद निहलानी ने की थी और इसका संगीत प्रसिद्ध संगीतकार वनराज भाटिया ने तैयार किया था। उल्लेखनीय है कि फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन वर्ष 2014 में स्थापित मुंबई स्थित एक गैर-लाभकारी संगठन है। यह फाउंडेशन फिल्मों के संरक्षण, सुरक्षित रखरखाव और पुनर्बहाली का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार/ जितेन्द्र/सुनील
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