Pitru Paksha 2023: श्राद्ध के दौरान कैसा भोजन बनाएं? जानिए किन चीजों का नहीं करना चाहिए इस्तेमाल 

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शुक्रवार 29 सितंबर से पितृ पक्ष का समय शुरू हो गया है। ये 16 दिनों खासतौर पर पूर्वजों के कर्ज को चुकाने का समय है। पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए ब्राह्मण भोजन, तर्पण और दान-किए जाते हैं. कहा जाता है कि अपने पितरों का श्राद्ध करने के दौरान भोजन बनाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। आज हम आपको बताएंगे कि श्राद्ध कर्म के दौरान अपने पूर्वजों के लिए भोजन बनाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखा जाना जरूरी है। कहते हैं कि ऐसा नहीं करने से पूर्वज रूठ जाते हैं और बिना भोजन किए लौट जाते हैं। 

रखें शुद्धता का ख्याल

श्राद्ध के दौरान अगर आप पितरों के निमित्त भोजन बना रही हैं तो शुद्धता का ध्यान जरूर रखें। भोजन बनाने से पहले अपने घर खासकर रसोई को अच्छी तरह से साफ कर लें। शास्त्रों की मानें तो शुद्धता से पितृ प्रसन्न होते हैं और श्राद्ध का फल मिलता है। ध्यान रखें स्नान करने के बाद ही भोजन बनाएं। 

इन चीजों से करें परहेज 

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प्याज और लहसुन (एलियम सब्जियां) 
पितृ पक्ष के दौरान आमतौर पर प्याज और लहसुन से परहेज किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि ये तीखी सब्जियाँ शरीर में राजसिक और तामसिक गुणों को बढ़ाती हैं, जो आध्यात्मिक विकास में बाधा डाल सकती हैं और पैतृक आत्माओं को परेशान कर सकती हैं। 

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बैंगन 
बैंगन एक और सब्जी है जिसे अक्सर पितृ पक्ष के भोजन से बाहर रखा जाता है। यह नकारात्मकता से जुड़ा है और माना जाता है कि यह पूर्वजों के साथ शांतिपूर्ण संबंध को बाधित करता है। 

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हरी पत्तेदार सब्जियाँ 

इस अवधि के दौरान कुछ हरी पत्तेदार सब्जियाँ, जैसे पालक और सरसों का साग, से भी परहेज किया जाता है। इन्हें बहुत तीखा माना जाता है और ये ऊर्जा के संतुलन को बिगाड़ सकते हैं। 

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अनाज और दाल 
कुछ परंपराएं पितृ पक्ष के दौरान गेहूं और काले चने जैसे कुछ अनाज और दालों से परहेज करने का सुझाव देती हैं। ये प्रतिबंध विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों के बीच भिन्न-भिन्न हैं। 

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मांसाहारी भोजन

पितृ पक्ष के दौरान मांस, मछली और अंडे सहित मांसाहारी भोजन का सेवन सख्त वर्जित है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसे पितृ संस्कार के लिए अशुद्ध और अशुभ माना जाता है।

इन चीजों का इस्तेमाल

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श्राद्ध के दौरान घर में सात्विक भोजन ही बनाएं। इसके अलावा, भोजन में इस्तेमाल होने वाले दूध और दही गाय का ही होना चाहिए। 

भोजन में क्या बनाएं

श्राद्ध कर्म में पितरों के नाम बनाए जाने वाले भोजन में खीर का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन पूरी, आलू की सब्जी, छोले या फिर कद्दू की सब्जी बना सकते हैं। इसके अलावा, मिठाई को भी पितरों के भोजन में शामिल करें। 

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बर्तन का भी रखें ध्यान

जब तक ब्राह्मण भोजन न खाए,तब तक खुद भी भोजन न करें। ब्राह्मणों को कांसे, चांदी या फिर पत्तल में ही भोजन करवाएं। श्राद्ध कर्म के दौरान कांच और प्लास्टिक जैसी चीजों का इस्तेमाल करना वर्जित है। इसके साथ ही, ब्राह्मण को दक्षिण दिशा में ही भोजन करवाएं। 

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