जानिए कब है हनुमान जयंती, करें ये 5 आसान उपाय, चमक उठेगी किस्मत

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इस साल 06 अप्रैल दिन गुरुवार को हनुमान जयंती है। उत्तर भारत में हर साल चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती मनाई जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव के अंशावतार हनुमान जी का जन्म चैत्र पूर्णिमा तिथि को मंगलवार के दिन हुआ था। हनुमान जी संकटमोचन हैं, उनकी कृपा से कोई संकट नहीं रहता है। हर विघ्न बाधा दूर होती है, कार्यों में सफलता मिलती है। हनुमान चालीसा में उनके लिए लिखा गया है कि कौन सो काज कठिन जगमाही, अर्थात् इस संसार में कौन सा ऐसा कार्य है, जो आपके लिए कठिन है। आप बल, बुद्धि और गुणों के निधान हैं। इनके नाम के स्मरण मात्र से ही भूत, पिशाच और नकारात्मक शक्तियां दूर भागती हैं।  इस साल हनुमान जयंती पर आप कुछ आसान ज्योतिष उपायों से अपनी रूठी किस्मत को चमका सकते हैं। ज्योतिषविद विमल जैन से जाने हनुमान जयंती पर किए जाने वाले क्या हैं वो उपाय -

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हनुमान जयंती के ज्योतिष उपाय

करियर में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो हनुमान जयंती के दिन वीर हनुमान जी को सिंदूरी रंग का लंगोट अर्पित करें। आपको कार्यों में सफलता प्राप्त होगी, भाग्य का साथ मिलेगा। 

यदि आप किसी संकट में घिरे हैं और उससे बाहर निकलना चाहते हैं तो हनुमान जयंती के दिन 21 बार बजरंग बाण का पाठ करें। हनुमान जी की कृपा से संकट दूर होगा। 

आपका भाग्य साथ नहीं दे रहा है, कार्यों में लगातार असफलताएं मिल रही हैं, कोई राह दिखाई नहीं दे रही है, तो हनुमान जयंती के दिन विधिपूर्व​क वीर बजरंगबली की पूजा करें और उनको केसरिया बूंदी के लड्डुयों का भोग लगाएं। हनुमान जी के समक्ष बैठकर सुंदरकांड का पाठ करें। आपके अच्छे दिन शुरु हो जाएंगे। 

यदि आप संतान, करियर, रोग या धन से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं तो हनुमान जयंती के दिन पूजा के समय हनुमानबाहुक का कम से कम 5 पाठ करें।  बजरंगबली के आशीर्वाद से आपकी समस्याओं का निवारण हो सकता है। 

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हनुमान जयंती पर गाय के घी का एक दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करें। आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी और सभी प्रकार के संकट और दोष मिट जाएंगे। 

 हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए पीपल के 11 पत्तों पर सिंदूर से श्रीराम लिखें और उसकी माला बना लें।  फिर प्रभु राम का ध्यान करके हनुमान जी को पहना दें। 

हनुमान जयंती के दिन पूजा के समय हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड, हनुमानबाहुक आदि में से किसी भी एक का पाठ करने से मानसिक क्लेश दूर होता है। मन को शांति प्राप्त होता है। 

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