Kartik Month Upay 2023: कार्तिक मास के सिर्फ इस 3 दिन कर लें ये सरल उपाय, जीवन में नहीं रहेगी धन-दौलत की कमी

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हिंदू धर्म में कार्तिक के महीने को सबसे बड़ा महीना बताया गया है। शास्त्रों में भी इसकी महिमा का गुणगान किया गया है। यह पूरा महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस पूरे महीने उन्हीं की पूजा अर्चना भी की जाती है। बात करें कार्तिक के महीने कि तो इसमें तीर्थ स्नान का सबसे ज्यादा महत्व बताया गया है। इसके अलावा भगवान के नाम का जप, दान, गौ सेवा आदि धार्मिक कार्य करने से व्यक्ति के जीवन में चल रहे कष्टों से उसे मुक्ति मिलती है।

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माना जाता है कि इस पूरे महीने जो भी नियम पूर्वक स्नान-दान करते हैं। उनको भौतिक जीवन में तो सांसारिक सुख मिलता ही है इसी के साथ परलोक में भगवान विष्णु जी की कृपा से बैकुंठ निवास भी प्राप्त होता है। यदि आप इस पूरे कार्तिक मास नियमों का पालन विधिपूर्वक नहीं कर पाए हैं और सोच रहे हैं कि इन सुखों की प्राप्ती कैसे हो? क्योंकि अब तो कार्तिक मास समापत होने वाला है, तो हम आपको उन तीन दिनों के बारे में बता रहे हैं। जिसमें यदि आपने नियमित रूप से स्नान-दान कर के भगवान विष्णु जी की उपासना कर ली तो आपको पूरे कार्तिक मास में की जाने वाली पूजा का फल मिल जाएगा। तो अब जान लें वो तीन महत्वपूर्ण दिन कौन से हैं।

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ये 3 दिन दिलाएंगे कार्तिक के पूरे महीने का फल
अगर आप किसी कारण कार्तिक के पूरे महीने विधि पूर्वक नियमों का पालन नहीं कर पाए हैं और सही विधि से तीर्थ स्नान नहीं कर पाए हैं। फिर भी चाहते हैं कि पूरे कार्तिक महीने का फल प्राप्त हो जाए। तो कार्तिक के अंतिम 3 दिन में ये सारे धार्मिक कार्य करने से आपको पूरे महीने का फल प्राप्त हो जाएगा। शास्त्रों के अनुसार वो तीन दिन इस प्रकार से हैं कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि, चतुर्दशी तिथि और पूर्णिमा तिथि।

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नोट करें तिथियों की डेट
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि - 25 नवंबर 2023 दिन शनिवार।
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि - 26 नवंबर 2023 दिन रविवार।
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि - 27 नवंबर 2023 दिन सोमवार।

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क्या करना होगा इन तीन दिनों में
शास्त्रों में बताया गया है कि ये तीन तिथियां कार्तिक मास की सबसे ज्याद महत्वपूर्ण मानी गई हैं। जो लोग इस दिन नियम पूर्वक उठ कर स्नान-दान करते हैं उनके ऊपर शीघ्र भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा होती है। उनके घर सुख-समृद्धि का वास होता है। जीवन में हर प्रकार के सुख मिलते हैं और समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है। 

तीनो तिथियों में विधि पूर्वक ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर तीर्थ स्नान करें यदि किसी पवित्र नदी या घाट पर नहीं जा सकते तो घर में ही गंगाजल नहाने के पानी में डाल कर स्नान करें।

स्नान के बाद वस्त्र धारण कर गंगाजल को सीधे हाथ में लें और भगवान विष्णु जी की पूजा का संकल्प लें। गाय के घी का दीपक भगवान विष्णु जी के निमित्त प्रज्ज्वलित करें उसके बाद हाथ जोड़ कर उनकी वंदना करे। ऐसा करने से आपके घर में सुख-समृद्धि आएगी।

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भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित करें और उनकी स्तुति करें या फिर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। ऐसा करने से उनकी कृपा आप पर बनेगी और जीवन में चल रही परेशानियों से आपको छुटकारा मिलेगा।

इन तीन दिनों में कार्तिक पूर्णिमा के दिन कोशिश करें की तीर्थ स्नान अवश्य करें और ब्रह्मण को दान करें इसी के साथ इस दिन व्रत भी रखें। इससे आप की सभी मनोकामना पूर्ण होगी और जो दान आपने दिया है उसका पुण्य आपको जरूर मिलेगा।

पूर्णिमा का दिन मां लक्ष्मी का भी होता है। तो इस दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा भी अवश्य करें और शाम के समय तुलसी के वृक्ष के पास गाय के घी का दीपक अवश्य प्रज्जवलित कर तुलसी चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से आपके घर में धन का भंडार भरा रहेगा।

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