हरतालिका तीज पर बिहार के इन मंदिरों में पूजा के लिए इकट्ठा होती है महिलाओं की भीड़, दर्शन के लिए आप भी जाएं

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हरतालिका तीज विवाहित महिलाओं के लिए खास पर्व होता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती है और भगवान से आराधना करती है। हरतालिका तीज हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। हर साल इस पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।इस पर्व की तैयारी महिलाएं एक हफ्ते पहले से ही करना शुरू कर देते हैं। कपड़ों से लेकर भगवान के दर्शन के लिए कहां जाना है, इसकी प्लानिंग भी पहले ही कर ली जाती है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बिहार के कुछ फेमस शिव मंदिरों के बारे में विस्तार से बताएंगे। इन मंदिरों में हरतालिका तीज के दिन भक्तों का भारी भीड़ दर्शन के लिए आती है। आप भी अपने पति के साथ यहां भगवान के दर्शन के लिए जाएं।

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बाबा गरीबनाथ मंदिर, मुजफ्फरपुर

बिहार में सबसे फेमस बाबा गरीबनाथ मंदिर में हर साल लाखों की संख्या में लोग दर्शन के लिए आते हैं। यहां कवल शहर से ही नहीं बल्कि दूर-दूर से लोग आते हैं। यह मंदिर भोले बाबा को समर्पित है। इस मंदिर को भक्त मनकोमनाएं पूरी करने वाली जगह मानते हैं। लोगों का मानना है कि इस मंदिर में ही भगवान शिव ने यहां स्वयं प्रकट होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूरी की थी।हरतालिका तीज पर यहां लोगों की भीड़ बहुत ज्यादा जमा होती है। इस दिन विशेष पूजा, भजन, और धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। मंदिर की वास्तुकला और संरचना भी बहुत सुंदर है। तीज के अवसर पर महिलाएं यहां अपने पति के साथ दर्शन के लिए आती हैं। यह भारत के फेमस शिव मंदिरों में से एक है।

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वैद्यनाथ मन्दिर, देवघर

यह मंदिर भी भोले बाबा को समर्पित है। यह बिहार और झारखंड की सीमा पर स्थित है और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक होने की वजह से इस मंदिर की महिमा और भी ज्यादा बढ़ जाती है। माना जाता है कि इस जगह पर भोलेनाथ वैद्यनाथ के रूप में प्रकट होकर रावण के इलाज के लिए आए थे। महिलाएं यहां अपनी पति की लंबी और स्वस्थ आयु के लिए दर्शन करने आती है। आप भी यहां हरतालिका तीज के दिन अपने पति के साथ दर्शन के लिए आ सकती हैं।

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महेन्द्रनाथ मंदिर, सिवान

इस मंदिर में शिव-पार्वती की पूजा साथ में की जाती है। यहां पर शिवलिंग को प्रमुख देवता के रूप में पूजा जाता है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां पर श्रद्धालुओं को भोजन, आश्रय, और अन्य सुविधाएं भी मिलती है। मंदिर में नियमित रूप से विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं। यह मंदिर सिवान जिला से लगभग 35 किमी दूर सिसवन के मेंहदार गांव में स्थित है। माना जाता है कि यहां कोई भी सच्चे मन से आकर प्रार्थना करे तो उसकी सभी मनोकामना पूरी हो जाती है।

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