वाराणसी की बंदी देवी, जहाँ एक ताला दिलाता है सलाखों से छुटकारा 

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व्यक्ति जब अपराध करता है तो उसे जेल भी जाना पड़ सकता है, पर धर्म की नगरी काशी में एक देवी ऐसी भी हैं, जिनकी पूजा मात्र से व्यक्ति को जेल के कष्ट से मुक्ति मिल जाती है। काशी के प्राचीन दशाश्वमेध घाट को उतरती सीढ़ियों के ठीक पहले मकान संख्या डी.17/100 में विराजमान हैं बंदी देवी। इस देवी के दर्शन और उपवास मात्र से जेल से मुक्ति मिल जाती है। मंदिर के महंत की मानें तो मशहूर फिल्म अभिनेता संजय दत्त ने भी जेल में रहते समय यहाँ चढ़ावा भेजवाया था ताकि उन्हें जेल की यातनाओं से मुक्ति मिल जाए।  

एक व्यक्ति जिसने कोई अपराध किया है जिसमें जेल की सजा शामिल हो सकती है, उसे सलाह दी जाती है पूरी भक्ति के साथ बंदी देवी की पूजा,अर्चना करता है, उसे लोहे की जंजीरों से नहीं बांधा जाएगा। सभी मंगलवार को उपवास के साथ बंदी देवी की पूजा करने की सलाह दी जाती हैं।उसे सभी सांसारिक बंधन से छुटकारा दिलाएगी, जब देवी सभी बंधनों से भक्त को मुक्त कर सकती हैं, तो साधारण जंजीरें कुछ भी नहीं होती हैं।

यदि कोई भक्त काशीखंड में वर्णित बंदी देवी की ईमानदारी से पूजा करता है, तो इससे उसके रिश्तेदारों को भी लाभ होगा जो कहीं और रह रहे हैं और वह व्यक्ति कारावास से मुक्त हो जाएगा। जानकारों की मानें तो बंदी देवी की सच्ची प्रार्थना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और इसमें कोई संदेह नहीं है। बंदी देवी की पूजा करने से भक्त को पीड़ा देने वाले सभी प्रकार के भ्रम दूर हो जाते हैं, जिस पर देवी की कृपा होगी।

यहां विराजमान है बंदीदेवी
बंदी देवी का स्थान दशाश्वमेध घाट के ठीक पहले नंबर डी.17/100 पर स्थित है। लोग रिक्शा से दशाश्वमेध घाट तक जा सकते हैं और सीढ़ियों से नीचे जाने से पहले उन्हें दाहिनी ओर मुड़ना चाहिए।

पूजा के प्रकार
मंदिर में हर समय दर्शनकर सकते है। भक्त ग्रिल्ड दरवाजे से भी दर्शन कर सकते हैं। भक्त अन्य जानकारी के लिए स्थानीय दुकानदार या पड़ोसियों से पूछ सकते हैं।

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