उत्कृष्ट मूर्तिकला व वास्तुकला के लिए दुनिया में प्रसिद्ध है कंदरिया महादेव मंदिर, सैंड स्टोन का नायाब नमूना
कंदरिया महादेव मंदिर खजुराहो के पश्चिमी मंदिर समूह का एक प्रमुख मंदिर है। यह इस समूह के सभी मंदिरों में सबसे बड़ा और सुंदर मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जिसके गर्भगृह में शिवलिंग विराजमान है। यह शिवलिंग संगमरमर से बना है। मंदिर की दीवारों पर बहुत ही सुंदर नक्काशी की गई है। इस मंदिर को सामने से देखने से ऐसा लगता है, मानो जैसे हम किसी गुफा में प्रवेश कर रहे हैं।

ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव के एक नाम कंदर्पी के अनुसार ही इसका नाम कंदरिया महादेव पड़ा। इसी कंदर्पी से कंदर्पी शब्द का विकास हुआ, जो कालांतर में कंदरिया में परिवर्तित हो गया। तब से इस मंदिर का नाम कंदरिया महादेव पड़ गया। इस मंदिर को यूनेस्को को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया गया है। ये पहला ऐसा मंदिर है जहाँ मंदिर की दीवारों पर कामुक मूर्तियों को बखूबी उकेरा गया है।

राजा यशोवर्मन ने कराया था मंदिर का निर्माण
मध्य प्रदेश के खजुराहो में स्थित इस मंदिर का निर्माण चन्देल वंश के प्रतापी राजा यशोवर्मन ने 1025-1050 ई. के आसपास करवाया था। यह मंदिर 109 फीट लंबा, 60 फीट चौड़ा और 116 फीट ऊंचा है। इस मंदिर की अनोखी बात यह है कि यहां के प्रत्येक भाग में केवल दो और तीन फुट ऊंची मूर्तियों की संख्या 872 है, छोटी मूर्तियां तो गणना मुश्किल है।

सैंड स्टोन का नायाब नमूना
अगर कुछ दूर से आप इसे देखेंगे तो आपको लगेगा कि आप सैंड स्टोन से बने मंदिर को नहीं बल्कि चंदन की लकड़ी पर तराशी गई कोई भव्य आकृति देख रहे हैं। यह मंदिर बलुआ पत्थर से बना है। इसकी मूर्तियों, दीवारों और स्तम्भों में चमक है। इसका कारण चमड़े से जबरदस्त घिसाई है। इस अनोखे मंदिर की दीवारें और स्तम्भ इतने खूबसूरत बने हुए हैं कि पर्यटक उन्हें देखकर हैरान रह जाते हैं।

मंदिर की वास्तुकला
कंदरिया महादेव मंदिर खजुराहो के सबसे खास मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण 13 फीट ऊंचे चबूतरे पर करवाया गया है, जिसकी उंचाई 31 मीटर है। यह मंदिर खजुराहो के मंदिरों में सबसे बड़ा है। मंदिर परिसर छह वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह मंदिर संधार शैली और सप्त रथ शैली में बना है। यह खजुराहो का सबसे विकसित मंदिर भी है। इस मंदिर में अर्ध मंडप, मंडप, महामंडप, अंतराल और गर्भगृह हैं। गर्भ गृह के चारों ओर प्रदक्षिणा पथ भी बना है। यह मंदिर मध्य भारत में बना अपनी तरह का शानदार मंदिर है। मंदिर ऊंची जगह पर निर्मित है। इसमें आपको दो तोरण देखने को मिलेंगे। मुख्य प्रवेश द्वार पर मंडप लगे हैं। मंदिर की दीवारों पर भी कारीगरी की गई है। मंदिर में एक सुंदर शिखर भी देखने को मिलता है। मंदिर के गर्भगृह के अंदर लिंग है जो संगमरमर से बना है।

कंदरिया मंदिर के खुलने का समय
अगर आप कंदरिया महादेव मंदिर देखना चाहते हैं तो बता दें कि यह मंदिर पूरे साल और हर दिन खुला रहता है। मंदिर के खुलने और बंद होने के एक निर्धारित समय हैं। मंदिर सुबह 5 से दोपहर 12 बजे तक खुला रहता है और शाम को 4 से रात 9 बजे तक खुला रहता है।

मंदिर में लगता है प्रवेश शुल्क
मंदिर में प्रवेश करने के लिए भारतीय पर्यटकों को 10 रुपये प्रवेश टिकट के लिए देने पड़ते हैं। वहीं विदेशी पर्यटकों को इस मंदिर के दर्शन के लिए 250 रूपये का टिकट लेना पड़ता है। मंदिर परिसर में आप किसी भी तरह का कैमरा लेकर नहीं जा सकते। 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है।
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