कब होगी कार्तिक मास 2025 की शुरुआत: जानें कार्तिक स्नान का महत्व और महत्वपूर्ण तिथियां

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 हिंदू पंचांग के अनुसार, 2025 में कार्तिक मास 8 अक्टूबर, बुधवार से शुरू होकर 5 नवंबर, बुधवार तक रहेगा यह महीना धार्मिक दृष्टि से बेहद खास माना जाता है और इस दौरान श्रद्धालु भगवान विष्णु की विशेष पूजा, दीपदान, व्रत और स्नान करते हैं. कार्तिक मास को भगवान विष्णु का प्रिय महीना कहा जाता है, और इस महीने में किए गए कार्यों का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है.

Kartik Snan 2025: कार्तिक माह में स्नान, दान और पूजा से मिलता है विशेष फल | Kartik  Snan 2025 auspicious month for snan daan puja path know importance of this  month and special benefits
कार्तिक स्नान का महत्व
शास्त्रों में कहा गया है कि कार्तिक मास में गंगा, यमुनाजी, गोमती, सरस्वती और कावेरी जैसी पवित्र नदियों में स्नान करना अत्यंत पुण्यकारी होता है इस मास में स्नान, दान और व्रत करने से सारे पाप धुल जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है. विशेषकर कार्तिक शुक्ल एकादशी से कार्तिक पूर्णिमा तक का समय पद्म स्नान कहा जाता है इस दौरान गंगा स्नान करने से जीवन में समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है. शास्त्रों में इसे इतना महत्वपूर्ण बताया गया है कि इसे करने वाले को संसार के सभी पापों से मुक्ति मिलने का वचन दिया गया है.

कार्तिक स्नान की विधि
प्रातःकाल उठें और शुद्ध होकर स्नान करें. पवित्र नदी या जलाशय में स्नान करें. साफ़ वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु या तुलसी माता की पूजा करें. दीपदान करें और व्रत का संकल्प लें. दान-पुण्य करें, जैसे अन्न, वस्त्र और जल का दान. यह विधि ना केवल शास्त्रों में वर्णित है बल्कि हजारों वर्षों से श्रद्धालु इसका पालन करते आ रहे हैं.

कार्तिक 2025 में प्रमुख तिथियाँ
कार्तिक मास की शुरुआत: 8 अक्टूबर, बुधवार

कार्तिक पूर्णिमा: 5 नवंबर, बुधवार

प्रबोधिनी एकादशी: 1 नवंबर, शनिवार

गोवर्धन पूजा: 2 नवंबर, रविवार

देव दीपावली: 5 नवंबर, बुधवार

Holy month of bath-donation: Bathing before sunrise in Kartik, Amla and  Tulsi donation gives virtue as much as performing many yagyas | स्नान-दान  का पवित्र महीना: कार्तिक में सूर्योदय से पहले नहाने,

कार्तिक मास में श्रद्धालुओं के लिए स्नान, व्रत, पूजा और दान करने का विशेष महत्व होता है यह मास केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शांति पाने का भी समय है. श्रद्धालु इस दौरान भगवान विष्णु और तुलसी माता की पूजा करते हैं और अपने जीवन में सफलता, सुख और समृद्धि की कामना करते हैं, साथ ही, कार्तिक पूर्णिमा, गोवर्धन पूजा और देव दीपावली जैसे त्योहारों का आनंद भी इसी मास में लिया जाता है. माना जाता है कि इस कार्तिक मास में शास्त्रों के अनुसार स्नान और पूजा करने से आपका पुण्य बढ़ता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य भी आता है.

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