Varanasi Ghats: काशी में कौन से घाट पर स्नान करना चाहिए, पापों से कैसे मिलेगी मुक्ति

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 वाराणसी जिसे काशी और भगवान शिव की नगरी कही जाती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने इस नगरी को बसाया था। मान्यता ये भी है कि काशी नगरी भगवान शिव के त्रिशूल पर टिकी है। यहां भगवान शिव काशी-विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के रूप में हैं। काशी नगरी बहुत विशेष और अद्भुत है। यहां 84 घाट हैं और ये विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। काशी में मौजूद हर घाट की अपनी विशेषता और महत्व है। 

Varanasi ghats manikarnika and dashashwamedh ghat

है कि काशी नगरी भगवान शिव के त्रिशूल पर टिकी है। यहां भगवान शिव काशी-विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के रूप में हैं। काशी नगरी बहुत विशेष और अद्भुत है। यहां 84 घाट हैं और ये विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। काशी में मौजूद हर घाट की अपनी विशेषता और महत्व है। 

काशी में इन घाटों पर स्नान महत्वपूर्ण

काशी में स्नान करना बहुत पुण्यदायी माना जाता है. यहां पर कई घाटों पर डुबकी लगाई जा सकती है, लेकिन यहां मणिकर्णिका और दशाश्वमेध घाट पर स्नान करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इन दोनों घाटों पर स्नान करने को तीर्थ यात्रा कहा जाता है। दोनों ही घाटों को स्नान के लिए सबसे पवित्र माना जाता है। 

Manikarnika Ghat, the only burning ground in the world where money is  collected from dead - India TV Hindi
मणिकर्णिका घाट

मणिकर्णिका को काशी के सबसे पवित्र और प्रसिद्ध घाटों में से एक माना जाता है।  मणिकर्णिका घाट काशी विश्वनाथ मंदिर के पास है। मान्यता है कि यहां स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही मोक्ष की प्राप्ति भी हो जाती है। इस घाट को मोक्षदायनी घाट के नाम से भी जाना जाता है। इतना ही नहीं इस घाट पर स्नान करने से भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है. माना जाता है कि इस घाट पर माता पार्वती के कान का कुंडल गिरा था, इसलिए इसका नाम मणिकर्णिका घाट पड़ा। इस घाट पर हमेशा चिताएं जलती रहती हैं। 

दशाश्वमेध घाट - वाराणसी - कनेक्टिंग ट्रैवलर

दशाश्वमेध घाट

दशाश्वमेध घाट भी वाराणसी के सबसे पुराने और पवित्र घाटों में से एक है। इतना ही नहीं दशाश्वमेध घाट सबसे ज्यादा देखे जाने वाले घाटों में से एक है। दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती की जाती है। मान्यता है कि इस घाट पर आकर भगवान शिव का ध्यान करना बहुत शुभ होता है। दशाश्वमेध घाट के दर्शन का विशेष महत्व हिंदू धर्म शास्त्रों में बताया गया है। 

मान्यताओं के अनुसार, मणिकर्णिका और दशाश्वमेध दोनों ही घाटों पर डुबकी लगाने मात्र से व्यक्ति के सारे पापों का नाश हो जाता है. इन दोनों ही घाटों पर स्नान से आत्मा पवित्र हो जाती है। साथ ही व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है। बता दें कि काशी में इन दोनों घाटों के अलावा पंच-गंगा घाट।  राजा घाट और ललिला घाट भी बड़े विशेष माने जाते हैं।  इन घाटों पर भी दर्शन के लिए अवश्य जाना चाहिए। 

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