Uttarakhand Char Dham: कब खुलेंगे उत्तराखंड के 4 धामों के कपाट? यहां जान लें तारीख

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 उत्तराखंड की पावन चार धाम यात्रा बहुत ही विशेष मानी जाती है। हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम दर्शन के लिए आते हैं। इस साल चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू की जा रही है। 30 अप्रैल अक्षय तृतीया का दिन है। पिछले वर्ष लगभग 11 लाख बद्रीनाथ पहुंचे, वहीं करीब 13.5 लाख श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे थे। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस साल उत्तराखंड के चार धामों के कपाट कब खोले जाएंगे। 


कब खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट ?
बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई को सुबह 6 बजे खोल दिए जाएंगे। इससे पहले विधि-विधान से पूजा की जाएगी। साथ ही कपाट को खोलने से पहले 22 अप्रैल को बद्रीनाथ धाम के लिए गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा की शुरुआत की जाएगी। इस यात्रा में भगवान बद्री के महाभिषेक के लिए एक तेल तैयार करने की पंरपरा सदियों से चली आ रही है।

तिलों के तेल से किया जता है महाभिषेक
भगवान बद्री के महाभिषेक के लिए तिलों का तेल निकाला जाता है। तेल स्थानीय सुहागिन महिलाएं तैयार करती हैं। फिर कलश यात्रा की शुरुआत होती है। ये कलश यात्रा ऋषिकेश और रुद्रप्रयाग से होते हुए 3 मई को बद्रीनाथ धाम पहुंचेगी। इसके बाद 4 मई को तिलों के तेल से भगवान का अभिषेक होगा। फिर धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे। बता दें कि पिछले साल बद्रीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को बंद हो गए थे।

केदारनाथ मंदिर खुलने की तिथि 2024
कब खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट ?
केदारनाथ धाम के कपाट कब खोले जाएंगे। इसकी घोषणा अभी नहीं की गई है, केदरानाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर पंचांग की गणना के बाद तय होगी। ये पंचांग गणना ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में होगी। साल 2024 में केदारनाथ धाम के कपाट 10 मई को खुले थे, जिसके बाद यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली थी। वहीं अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के भी कपाट खुल जाएंगे। इसके साथ ही चार धाम की यात्रा शुरू हो जाएगी। 

चार धाम की यात्रा का महत्व
उत्तराखंड के चार धामों का हिंदू धर्म शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है. हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी चार धाम की यात्रा करते हैं उनके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। चार धाम की यात्रा करने वालों के जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों में दो चार धाम यात्राओं का वर्णन मिलता है। एक चार धाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री और दूसरा बद्रीनाथ, जगन्नाथ, रामेश्वरम और द्वारका धाम को माना जाता है। 

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