Somwati Amavasya : कब है सोमवती अमावस्या, जानें इसकी पूजा विधि, धार्मिक महत्व और महाउपाय

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सनातन परंपरा में किसी भी मास के कृष्णपक्ष में पड़ने वाली तिथि को अमावस्या कहते हैं। हिंदू धर्म में इस तिथि को पितरों की पूजा और धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए बहुत ज्यादा फलदायी माना गया है। अमावस्या तिथि का महत्व तब और भी ज्यादा बढ़ जाता है, जब यह शिव को समर्पित श्रावण मास में पड़ती है। इस साल श्रावण मास की अमावस्या पर सोमवार के दिन का संयोग भी जुड़ गया है। सनातन परंपरा के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन व्रत रखने पर सुहागिनों केा अखंड सौभाग्य का वर प्राप्त होता है। आइए श्रावण मास में पड़ने वाली अमावस्या का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि एवं नियम जानते हैं -

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कब लगेगी अमावस्या
श्रावण मास की अमावस्या तिथि इससाल 17 जुलाई 2023 को पड़ेगी। पूजा, जप और तप के लिए अत्यंत ही फलदायी मानी जाने वाली अमावस्या तिथि 16 जुलाई 2023 की रात को 10:08 बजे से प्रारंभ होकर 18 जुलाई 2023 को पूर्वाह्न 00:01 बजे तक रहेगी। चूंकि इस साल श्रावण अमावस्या तिथि सोमवार के दिन पड़ रही है, इसलिए इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। 

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 सोमवती अमावस्या का पुण्यफल
पौराणिक मान्यता के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन स्नान-दान, जप-तप आदि का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है। ऐसे में यदि संभव हो तो व्यक्ति को श्रावण मास की अमावस्या वाले दिन गंगा तट या फिर किसी अन्य जल तीर्थ पर जाकर स्नान और दान करना चाहिए। यदि यह संभव न हो सके तो आप अपने घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें और जरूरतमंद लोगों के लिए अपनी क्षमता के अनुसार दान निकालें। 

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सोमवती अमावस्या का महाउपाय
हिंदू मान्यता के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन यदि कोई व्यक्ति अपने पितरों के निमित्त तर्पण करता है या फिर उनके लिए पिंडदान आदि करता है तो उसे उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि कोई व्यक्ति सोमवती अमावस्या वाले दिन पीपल की सेवा करता है और उसकी जड़ में जल चढ़ाता है तो उसे भगवान श्री विष्णु, भगवान शिव और भगवान ब्रह्मा जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सोमवती अमावस्या वाले दिन पीपल पर जल चढ़ाने के बाद उसकी परिक्रमा अवश्य करें। चूंकि यह अमावस्या श्रावण मास में पड़ती है इसलिए इस पावन तिथि पर भगवान शिव संग माता पार्वती की विशेष पूजा जरूर करें। सोमवती अमावस्या के दिन दूध में काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें। 

 

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