Sarva Pitru Amavasya 2024: पितृ अमावस्या के दिन कर लें ये 3 उपाय, मिलेगा पितरों का आशीर्वाद, पूरे होंगे रुके काम
हिंदू धर्म में सर्व पितृ अमावस्या की तिथि का सबसे अधिक महत्व होता है, क्योंकि इस दिन पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। यह तिथि हर वर्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाई जाती है। इस दिन उन सभी पितरों के लिए पिंडदान या तर्पण किया जाता है, जिनकी मृत्यु की तिथि ज्ञात नहीं है या जिनका श्राद्ध किसी कारणवश पहले नहीं किया जा सका। इसलिए इसे सभी पितरों की अमावस्या के रूप में जाना जाता है। इस वर्ष की सर्व पितृ अमावस्या विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन वर्ष का अंतिम और दूसरा सूर्य ग्रहण भी होगा।ऐसे में क्या इस दिन श्राद्ध करना शुभ रहेगा।
पितृ पक्ष का समापन सर्व पितृ अमावस्या के साथ होता है। इस दिन पितरों का तर्पण, श्राद्ध तिथि और पिंडदान करने की विधि को अधिक महत्व दिया जाता है। इस दिन किया गया कोई भी उपाय प्रभावशाली माना जाता है। इस दौरान पितरों को याद कर उन्हें तर्पण दिया जाता है। पितरों का आशीर्वाद मिलने से हमारे जीवन की कई परेशानियां दूर हो जाती हैं। पंचांग के अनुसार, इस साल सर्वपितृ अमावस्या तिथि 1 अक्टूबर को रात 9:40 बजे और 2 अक्टूबर को दोपहर 2:19 बजे रहेगी। इस अमावस्या को मोक्षदायिनी अमावस्या भी कहा जाता है। उदया तिथि के अनुसार 2 अक्टूबर को ही अमावस्या तिथि रहेगी।
अधूरी इच्छाएं होंगी पूरी
सर्वपितृ अमावस्या के दिन तिल की करछुल बनाकर मंदिर में चढ़ाना चाहिए। साथ ही यह लड्डू कौए, गाय और कुत्ते को खिलाएं। इस लड्डू को चढ़ाते समय अपनी इच्छा भी ध्यान में रखें। ऐसा करने से आपकी कई दिनों से अधूरी इच्छाएं पूरी हो जाएंगी।
इस दिशा का रखें खास ध्यान
वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर पूर्व दिशा को पवित्र माना जाता है। इसे देवताओं का निवास स्थान माना जाता है। इस दौरान पितरों की पूजा और याद करनी चाहिए और घर में सकारात्मकता बनाए रखने के लिए इस दिशा में दीपक जलाना चाहिए। इससे घर में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। घर में पैसा आता है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
मां लक्ष्मी के सामने जलाएं घी का दीपक
सर्वपितृ अमावस्या का अर्थ पितरों को याद करना और उन्हें श्रद्धांजलि देना है। इस दिन पूजा और दान का फल हमें मिलता है। इस समय आपको मां लक्ष्मी के सामने घी का दीपक जलाना चाहिए और लक्ष्मी मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए। इससे आर्थिक संकटों से राहत मिलेगी। सर्वपितृ अमावस्या के दिन 21 बार तुलसी माला का जाप करें।
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