पूजा में चंदन का होता है विशेष महत्व, जानें किन पेड़-पौधों को लगाना चाहिए चंदन

 

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चंदन का इस्तेमाल पूजा-पाठ के दौरान किया जाता है। चंदन पूजा की मुख्य सामग्रियों में से एक है जिसका उपयोग न सिर्फ भगवान के श्रृंगार के लिए होता है बल्कि व्यक्ति खुद भी इसे अपने शरीर के विभिन्न अंगों पर लगाता है। जितना चंदन का धार्मिक महत्व है उतना ही इसका ज्योतिषीय महत्व भी है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि चंदन को भगवान और स्वयं के अलावा पेड़-पौधों पर भी लगाना चाहिए। इससे कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। आइए जानते हैं कि किस पेड़ में चंदन लगाना चाहिए। 

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किन पेड़-पौधों को लगाना चाहिए चंदन? 
शास्त्रों के अनुसार, ऐसे 6 पेड़-पौधे बताये गये हैं जिनकी रोजाना पूजा करनी चाहिए। रोजाना पूजा संभव न हो सके तो ऐसे में बस जल चढ़ाकर चंदन लगाना भी शुभ होता है। यह पेड़-पौधे हैं, पीपल, बरगद, केला, तुलसी, शमी और बेलपत्र। 

क्यों पेड़-पौधों को लगाना चाहिए चंदन?
चंदन का स्वभाव शांत होता है। वहीं, ज्योतिष शास्त्र में हर एक पेड़ या पौधे का संबंध किसी न किसी देवी-देवता या ग्रह से होता है। ऐसे में इन पेड़-पौधों को चंदन लगाने से उससे जुड़े ग्रह एवं देवी-देवता शांत होकर अपनी कृपा बरसाते हैं। 


क्या हैं पेड़-पौधों को चंदन लगाने के लाभ?
पीपल के पेड़ में समस्त देवी-देवताओं का वास माना गया है। मुख्य रूप से मां लक्ष्मी का. ऐसे में पीपल के पेड़ को चंदन लगाने से घर की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और कुंडली में अगर कोई ग्रह दोष मौजूद है तो वह भी दूर हो जाता है। 

बरगद के पेड़ में त्रिदेवों का वास होता है। ऐसे में इसे चंदन लगाने से त्रिदेवों का आशीर्वाद मिलता है और अकाल मृत्यु जैसा योग भी टल जाता है। केले के पेड़ को चंदन लगाने से भगवान विष्णु की कृपा होती है और बृहस्पति मजबूत होते है। 

तुलसी को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में तुलसी को चंदन लगाने से घर में धन का आगमन होता है और धन लाभ के योग बनते हैं। शमी के पौधे को चंदन लगाने से शनि दोष दूर होता है और बेलपत्र को चंदन लगाने से शिव कृपा मिलती है। 

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