Pushya Nakshtra Date: आने वाला है सोना-चांदी लेने का सबसे शुभ मुहूर्त, दिवाली से 7 दिन पहले इस नक्षत्र में खरीदें
ज्योतिष में नक्षत्रों की बहुत अहमियत रही है।कुल 27 नक्षत्र होते हैं जो इंसान की कुंडली में अपना प्रभाव छोड़ते हैं। इनमें से कुछ नक्षत्र ऐसे भी हैं जिनका काफी सकारात्मक असर लोगों पर पड़ता है। इन्हीं में से एक है पुष्य नक्षत्र। इस नक्षत्र की खास बात ये है कि इस नक्षत्र के दौरान अचल संपत्ति खरीदना काफी शुभ माना जाता है। ज्योतिष में इसकी बहुत महत्ता रही है। इस नक्षत्र को सबसे शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस नक्षत्र में अगर सोना या कोई अचल संपत्ति खरीदी तो संपत्ति में ठहराव बना रहता है। 27 नक्षत्रों में ये 8वें स्थान पर है। इसे नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है। ये दीवाली से पहले पड़ रहा है और इस दौरान सोना-चांदी खरीदने के लिए भी इस नक्षत्र को शुभ माना जा रहा है। बता रहे हैं कि ये नक्षत्र किस दिन पड़ रहा है और इसका समय क्या होगा।
किस दिन है पुष्य नक्षत्र?
पुष्य नक्षत्र की शुरुआत 24 अक्तूबर को सुबह 11 बजकर 45 मिनट से होगी। साथ ही इसका अंत 25 अक्तूबर को दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर होगा। इस मौके पर आप हर तरह की खरीदारी कर सकते हैं। कोई भी सामान खरीदने के लिए ज्योतिष के हिसाब से इस नक्षत्र को सबसे सही नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र में अगर अचल संपत्ति खरीदी जाए तो उसका ही सबसे ज्यादा फायदा होता है। दीवाली पर लोग सोना-चांदी जैसी चीजें खरीदते हैं। ऐसे में अगर इस नक्षत्र में ये चीजें खरीदी जाएं तो इसका भी फायदा देखने को मिलता है। ये नक्षत्र दिवाली से 6 दिन पहले पड़ रहा है।
क्या-क्या खरीद सकते हैं
इस दौरान कई सारी चीजों को खरीदा जा सकता है. इस नक्षत्र में आप फ्लैट, मकान, कृषि भूमि, या फिर प्लॉट ले सकते हैं। इसके अलावा व्यवसाय से जुड़ी चीजें खरीदने के लिए भी ये सही समय माना जाता है। इसके अलावा इस दिन आप सोना-चांदी, प्लेटिनम, डायमंड, दो पहिया या चार पहिया वाहन भी खरीद सकते हैं। इसके अलावा इस दिन फ्रीज, टीवी, वाशिंग मशीन, ओवन और लैपटॉप जैसी चीजें भी खरीदी जा सकती हैं।
दिवाली कब है?
दिवाली का त्योहार हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है. ये त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार दिवाली की डेट को लेकर काफी कन्फ्यूजन देखने को मिली है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो 2024 में 31 अक्टूबर के दिन अमावस्या की तिथी है। जिस दिन सूर्य तुला राशि में नीच होता है और चंद्रमा, वृश्चिक राशि में होता है तो इन दोनों ग्रहों की कमजोर स्थिति की वजह से ही दिवाली की रात घनी अंधेरी वाली काली स्याह रात होती है। सूर्य और चंद्रमा जब अपनी सबसे कमजोर स्थिति में होता है और रात एकदम काली स्याही की तरह होती है उस दिन दिवाली मनाई जाती है। इस बार 1 नवंबर को ज्यादा काली स्याह रात होने की वजह से दिवाली भी इसी दिन मनाई जाएगी।
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