Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या के दिन तेल का तीन दीया जलाएं? फिर देखें कमाल 

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माघ माह की अमावस्या जिसे मौनी अमावस्या भी कहते हैं इस साल 29 जनवरी, दिन बुधवार को पड़ रही है। मौनी अमवस्या के दिन जहां एक ओर स्नान-दान का बहुत महत्व है तो वहीं, दूसरी ओर इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसके अलावा, इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीया जलाना भी बहुत उत्तम और हितकारी माना जाता है, लेकिन ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि हर माह की अमावस्या का अलग महत्व होता है और उस अमावस्या के दिन अलग दीपक जलाया जाता है। ऐसे में मौनी अमावस्या के दिन कौन सा दीया जलाना चाहिए, आइये जानते हैं इस विषय में विस्तार से।

mauni amavasya pr kaun sa diya jala sakte hain

मौनी अमावस्या के दिन कौन सा दीया जलाएं? 

मौनी अमावस्या के दिन तीन प्रकार के दीया जलाये जाते हैं: सरसों के तेल का दीया, तिल के तेल का दीया और आटे का दीया। तीनों में से कोई भी दीया जलाना मुनिया अमावस्या पर आपको भगवान शिव एवं पितरों की कृपा दिला सकता है। आइये अब जानते हैं की कैसे जलाएं ये तीनों दीये।

सरसों के तेल के दीये को जलाने के लिए एक मिटटी का दीपक लें, उसमें रूई की बत्ती लें और सरसों के तेल में उसे भिगो लें। फिर पीपल के पेड़ के नीचे जाकर मौनी अमावस्या के दिन दीया जलाएं। सरसों का दीया पीपल के नीचे ही जलाया जाता है। इससे सभी देवी-देवताओं की कृपा होती है।

mauni amavasya pr kaun sa diya jalana chahiye

वहीं, तिल के तेल का दीया भी मिटटी के दीपक में जलाते हैं लेकिन अंतर है बत्ती का। मौनी अमावस्या के दिन तिल के तेल का दीया सफ़ेद कलावे या जनेऊ की बत्ती से जलाना शुभ माना जाता है। इससे पितृ शांत होते हैं, प्रसन्न रहते हैं और अपनी कृपा परिवार पर बरसाते हैं। पितृ दोष भी दूर होता है।

आटे का दीया सबसे ज्यादा प्रभावकारी माना जाता है। मौनी अमावस्या के दिन आटे का दीया बनाएं। ध्यान रहे आटा या तो गेहूं का हो या फिर चावल का। इसके अलावा, किसी अन्य आटे से दीया न बनाएं। फिर आटे के दीये में कलावे की बत्ती को घी में भिगोकर जलाएं। इससे सुख-समृद्धि बढ़ेगी।

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