Makar Sankranti 2025: ब्रह्म मुहूर्त या सूर्योदय के बाद, मकर संक्रांति पर कब करें स्नान, जानें सही मुहूर्त
हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति खास महत्त रखती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, भगवान सूर्य का जब धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश होता है, तब मकर संक्रांति मनाई जाती है। देश भर में इस पर्व की धूम देखने को मिलती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान की मान्यता है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के साथ साथ दान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।

इस साल कब है मकर संक्रांति?
इस दिन भगवान सूर्य उत्तरायण होते हैं। हर मकर संक्रांति के स्नान और दान के मुहूर्त को लेकर संशय बना रहता है। आइए जानते हैं इस साल मकर संक्रांति पर स्नान और दान का शुभ मुहूर्त क्या है। वैदिक पंचांग के अनुसार, 14 जनवरी मंगलवार को सुबह 9 बजकर 3 मिनट पर भगवान सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होगा। यही कारण है कि इस दिन मकर संक्रांति मनाई जाएगी।
क्या है स्नान और दान और दान का शुभ मुहूर्त
मकर संक्रांति की पूजा, स्नान और दान के लिए पुण्यकाल देखा जाता है। इस दिन पूजा,स्नान और दान पुण्यकाल में ही किया जाता है। 14 जनवरी को सुबह 9 बजकर 3 मिनट पर पुण्यकाल शुरू होगा। ये पुण्यकाल शाम 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। जबकि इस दिन महा पुण्यकाल 45 मिनट का है। ये महापुण्यकाल 10 बजकर 3 मिनट पर शुरू होगा। वहीं इसकी समाप्ति 10 बजकर 48 मिनट पर हो जाएगी। मकर संक्रांति पर वैसे तो पूरे दिन स्नान और दान का शुभ मुहूर्त रहेगा, लेकिन महापूण्य काल के दौरान स्नान और दान सबसे शुभ माना जाता है।

मकर संक्रांति का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति पर भगवान सूर्य उत्तरायण यानि उत्तर दिशा में चले जाते हैं। इसलिए इस पर्व को उत्तरायणी नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान सूर्य के पूजन का विधान है। मकर संक्रांति पर भगवान सूर्य के साथ भगवान विष्णु जी की भी पूजा की जाती है। इस दिन तिल के व्यंजन और व्यंजन और खिचड़ी बनाई जाती है। इस दिन तिल के दान को शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी इस दिन तिल का दान और खिचड़ी खाता है उस पर भगवान श्री हरि की विशेष कृपा मिलती है।

