Kharmas 2025: होने वाली है खरमास की शुरुआत, शादी-मुंडन समेत इन शुभ कामों पर लगेगी रोक, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये गलती?

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हिंदू धर्म में खरमास (Kharmas) के महीने को शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना गया है. ज्योतिषीय गणना के अनुसार, जब सूर्य देव धनु राशि या मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तो उस काल को खरमास या मलमास (Malmas) कहा जाता है. इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. साल 2025 में खरमास की शुरुआत जल्द ही होने वाली है, जिससे शादी-विवाह, गृह और मुंडन जैसे सभी शुभ कार्यों पर एक महीने के लिए रोक लग जाएगी.

कब से कब तक रहेगा खरमास 2025?
पंचांग के अनुसार, सूर्य देव 16 दिसंबर 2025 को धनु राशि में प्रवेश करेंगे. सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही खरमास की शुरुआत हो जाएगी.

खरमास की शुरुआत: 16 दिसंबर 2025, मंगलवार

खरमास की समाप्ति: 14 जनवरी 2026, बुधवार (मकर संक्रांति के दिन)

यानी पूरे एक महीने तक मांगलिक कार्यों के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं रहेगा. मकर संक्रांति के दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही खरमास समाप्त हो जाएगा और फिर से शुभ कार्य शुरू किए जा सकेंगे.

खरमास में क्यों वर्जित हैं मांगलिक कार्य?
धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, खरमास के दौरान सूर्य की स्थिति कमजोर मानी जाती है. सूर्य को नवग्रहों में राजा और आत्मा का कारक माना गया है. किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य के सफल होने के लिए गुरु (बृहस्पति) और सूर्य की मजबूती आवश्यक होती है.

गुरु का संबंध: धनु और मीन राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं. जब सूर्य धनु या मीन में होते हैं, तो बृहस्पति के गुणों में कमी आती है, जिससे शुभ कार्यों का फल कमजोर हो जाता है.

कमजोर सूर्य: धनु राशि में सूर्य के प्रवेश से उनकी ऊर्जा और शुभ प्रभाव में कमी आ जाती है. इस दौरान किए गए शुभ कार्यों से मिलने वाला फल अधूरा या निष्फल रह सकता है.

इसलिए, इस पूरे एक महीने की अवधि में विवाह, सगाई और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य टाल दिए जाते हैं.

खरमास में भूलकर भी न करें ये शुभ काम!
विवाह संस्कार:
खरमास में विवाह करना अशुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस समय किए गए विवाह से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति नहीं रहती.

मुंडन संस्कार: बच्चों का मुंडन संस्कार भी इस दौरान नहीं करना चाहिए.

गृह प्रवेश: नया घर खरीदना, उसका निर्माण शुरू करना या नए घर में प्रवेश (गृह प्रवेश) वर्जित होता है.

नया व्यापार या व्यवसाय की शुरुआत: कोई भी नया कारोबार या दुकान शुरू करने से बचना चाहिए.

कर्ज लेना या देना: इस दौरान धन के लेन-देन को भी शुभ नहीं माना जाता.

नए व्रत और अनुष्ठान की शुरुआत: किसी भी बड़े व्रत या धार्मिक अनुष्ठान को शुरू करने के लिए भी यह समय अनुकूल नहीं है.

ध्यान दें: खरमास में रोजाना पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन, भगवान विष्णु की आराधना, दान-पुण्य और तीर्थ यात्रा करना बहुत ही शुभ माना जाता है.

December Kharmas: 5 दिसंबर के बाद सीधे फरवरी में मिलेंगे शादी के मुहूर्त,  16 दिसंबर से शुरू होगा खरमास | Marriage muhurat till 5 December after that Kharmas  2025 start and end date
खरमास में क्या करें?
सूर्य और विष्णु पूजा:
इस माह में भगवान सूर्य और भगवान विष्णु की पूजा करना विशेष फलदायी होता है. प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य दें.

दान: खरमास में कंबल, अन्न, गुड़, तिल और गर्म वस्त्रों का दान करना दरिद्रता को दूर करता है.

मंत्र जाप: धार्मिक ग्रंथों का पाठ, जैसे ‘श्री रामचरितमानस’ और ‘भगवद्गीता’ का पाठ करना चाहिए.


 

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