Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा के पावन दिन पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं, यहां विस्तार से जानें
कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र पर्व माना जाता है, इसे विशेष रूप से गंगा स्नान, दीपदान और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए जाना जाता है।यह पर्व कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है और इस दिन का महत्व विभिन्न धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में मिलता है। कार्तिक पूर्णिमा का दिन विशेष रूप से देवताओं की पूजा और पूर्वजों की आत्माओं के शांति के लिए समर्पित होता है। इस दिन को देव दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है।

इस साल कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर को मनाया जाएगा और इस दिन विशेष रूप से कुछ शुभ कार्य करने शुभ माने जाते हैं, यही नहीं इस दिन कुछ कामों की मनाही भी होती है और यदि आप उन कामों को करते हैं तो आपको किसी भी पूजा का फल नहीं मिलता है। वहीं इस दिन शुभ काम करने से आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानते हैं इस दिन पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।अगर हम कार्तिक पूर्णिमा के दिन किए जाने वाले कार्यों की बात करें तो आपको इस दिन कुछ ऐसे कार्य करने चाहिए जिनका फल आपके जीवन में सकारात्मक हो सके। आइए जानें उन कामों के बारे में-

कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करें
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है।गंगा स्नान से शरीर और आत्मा को शुद्धि मिलती है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। यदि किसी वजह से आपके लिए गंगा नदी तक पहुंचना संभव नहीं हो, तो घर में स्नान कर स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें।

कार्तिक पूर्णिमा पर करें भगवान विष्णु की पूजा
कार्तिक पूर्णिमा को भगवान विष्णु के पूजन के लिए अत्यंत उपयुक्त समय माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा और आराधना से विष्णु जी का आशीर्वाद मिलता है।साथ ही, इस दिन विशेष रूप से श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ भी करना फलदायी होता है। भक्तों के लिए यह दिन विशेष रूप से मनोकामनाओं की पूर्ति का अवसर होता है। इस दिन किया गया विष्णु पूजन विशेष रूप से फलदायी होता है।

कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान करें
कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। इस दिन दीप जलाकर घर के आंगन, मंदिरों और नदी के किनारे दीपदान किया जाता है।
ऐसा माना जाता है कि इन दीपों से घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है। विशेष रूप से इस दिन नदियों के किनारे दीप जलाने से जीवन के अंधकार को दूर किया जाता है और ज्ञान की प्राप्ति होती है।

