भगवान शिव को करना है प्रसन्न, तो श्रावण मास में अर्पित करें ये 5 प्रकार के फूल
सावन का महीना भगवान शिव को सर्वाधिक प्रिय है। वैसे तो भगवान शिव अपने भक्तों से शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते है और अपने भक्तों का कल्याण करते हैं, लेकिन कुछ पुष्प ऐसे है जिन्हें भगवान शिव को अर्पण करने से उनका आशीर्वाद आपको शीघ्र मिल जाता हैं। अगर आप सावन में बेल पत्र के साथ ही इन पुष्पों को भगवान शिव को अर्पित करतें हैं तो भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही अपने जीवन में आने वाली कठिनाइयों और कष्टों का निवारण कर सकते है।
कनेर का फूल
सभी देवी देवताओं की पूजा में पुष्प अर्पित किए जाते हैं। धरती में तरह तरह के सुंगध और आकार के फूल हैं. जिनको भगवान पर चढ़ाते हैं। इसमें एक पुष्प है कनेर का। भगवान शिव के अलावा कनेर का फूल और भी देवी देवताओं को चढ़ता है। ये तीन प्रकार के होते है जिनका रंग पीला, सफेद और लाल होता है. इन पुष्पों को चढ़ाने के लिए प्रदोष और सोमवार को छोड़कर कभी भी चढ़ा सकते हैं। बाकी दिनों में फूल चढ़ाने से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं।
मदार का पुष्प
भगवान शिव को भांग-धतूरा बहुत प्रिय है। भगवान शिव की विशेष पूजा के समय मदार का पुष्प मुख्य रूप से चढ़ाया जाता है। वैसे तो मदार दो रंगों खिलता है जिसमें एक नीला और दूसरा सफेद होता है। ध्यान रखें कि भगवान शिव को हमेशा सफेद मदार या आक का फूल चढ़ाना चाहिए। मान्यता है कि भगवान शिव को मदार या आक का फूल चढ़ाने से धरती लोक से मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान शिव जीवन के सभी कष्ट हर लेते है।
धतूरे का पुष्प
धतूरे का पुष्प भी भगवान शिव के पंच पुष्पों में से एक है। जहां बाकी पुष्प सोमवार और प्रदोष को चढ़ाना मना है वहीं धतूरे के फूल को इन दिनों में भी चढ़ाया जा सकता है। कई पुराणों में इसके उत्पति को लेकर कहा गया है कि समुद्र मंथन से जो विष निकला था उसे शिव जी ने पिया। उस विष को पीने के दौरान उनकी छाती से इस पुष्प की उत्पत्ति हुई है।
शमी का फूल
कहा जाता है कि शमी का एक पत्ता हजार बेलपत्रों से ज्यादा बड़ा होता है। इसलिए शमी का एक पत्ता चढ़ाने से 1000 बेल पत्रों के चढ़ाने जितना पुण्य मिलता है। जिस तरह शमी का पत्ता चढ़ता है उसी तरह शमी का पुष्प भी भगवान शिव को चढ़ाया जाता है।
अलसी का फूल
शिव के साथ-साथ माता लक्ष्मी व श्रीहरि विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अलसी के पुष्प श्रावण के महीने में शिवलिंग पर चढ़ाने चाहिए, जिससे रोग निवृति के साथ ही साथ आर्थिक उन्नति भी होगी।
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