सावन में कैसे कराएं रुद्राभिषेक पूजा, यहां जानें पूजा विधि, मंत्र, समेत सारी जानकारी
हिंदू धर्म में रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व माना जाता है। खासकर सावन महीने में तो लोग जरूर ही रुद्राभिषेक पूजा कराते हैं। इस पूजा के लिए विशेषतौर पर सावन शिवरात्रि का दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। यहां हम आपको बताएंगे रुद्राभिषेक पूजा विधि, मंत्र, सामग्री, रुद्राभिषेक अर्थात रुद्र का अभिषेक, यानि शिव का अभिषेक करना। कहते हैं इस पूजा को कराने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर चली जाती है और भगवान भोलेनाथ की असीम कृपा प्राप्त होती है। शास्त्रों में भी लिखा है 'रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र:' इसका अर्थ है कि शिव सभी दुखों को हरकर उनका नाश कर देते हैं। ऐसी मान्यता है जो व्यक्ति सावन महीने में रुद्राभिषेक कराता है उसकी कुंडली में मौजूद अशुभ दोषों का भी नाश हो जाता है। चलिए जानते हैं रुद्राभिषेक पूजा मंत्र, सामग्री, विधि, मुहूर्त और फायदे-
रुद्राभिषेक पूजा मंत्र
ॐ नम: शम्भवाय च मयोभवाय च नम: शंकराय च
मयस्कराय च नम: शिवाय च शिवतराय च ॥
ईशानः सर्वविद्यानामीश्व रः सर्वभूतानां ब्रह्माधिपतिर्ब्रह्मणोऽधिपति
ब्रह्मा शिवो मे अस्तु सदाशिवोय् ॥
तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
अघोरेभ्योथघोरेभ्यो घोरघोरतरेभ्यः सर्वेभ्यः सर्व सर्वेभ्यो नमस्ते अस्तु रुद्ररुपेभ्यः ॥
वामदेवाय नमो ज्येष्ठारय नमः श्रेष्ठारय नमो
रुद्राय नमः कालाय नम: कलविकरणाय नमो बलविकरणाय नमः
बलाय नमो बलप्रमथनाथाय नमः सर्वभूतदमनाय नमो मनोन्मनाय नमः ॥
सद्योजातं प्रपद्यामि सद्योजाताय वै नमो नमः ।
भवे भवे नाति भवे भवस्व मां भवोद्भवाय नमः ॥
नम: सायं नम: प्रातर्नमो रात्र्या नमो दिवा ।
भवाय च शर्वाय चाभाभ्यामकरं नम: ॥
यस्य नि:श्र्वसितं वेदा यो वेदेभ्योsखिलं जगत् ।
निर्ममे तमहं वन्दे विद्यातीर्थ महेश्वरम् ॥
त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिबर्धनम् उर्वारूकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात् ॥
सर्वो वै रुद्रास्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु । पुरुषो वै रुद्र: सन्महो नमो नम: ॥
विश्वा भूतं भुवनं चित्रं बहुधा जातं जायामानं च यत् । सर्वो ह्येष रुद्रस्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु ॥
सावन रुद्राभिषेक विधि
रुद्राभिषेक शुरू करने से पहले गणेश जी कि पूजा अर्चना करनी चाहिए। इस दौरान रुद्राभिषेक करने के लिए संकल्प लिया जाता है। इसके बाद भगवान शिव, पार्वती माता समेत सभी देवता और नौ ग्रहों का मनन कर रुद्राभिषेक का उद्देश्य बताया जाता है। इसके बाद रुद्राभिषेक शुरू किया जाता है। इसके लिए शिवलिंग को उत्तर दिशा में स्थापित करना होता है। अगर घर पर रुद्राभिषेक करा रहे हैं तो इसके लिए आप मिट्टी का शिवलिंग बनाकर उसका अभिषेक करें। इस बात का ध्यान रखें कि रुद्राभिषेक पूजा के समय आपका मुख पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए। रुद्राभिषेक मंत्रों का जाप करते हुए शिवलिंग का अभिषेक करें। इसके बाद शिवलिंग को गंगाजल से स्नान करवाएं। इसके बाद रुद्राभिषेक पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री शिवलिंग पर चढ़ाएं। अंत में शिवजी को प्रसाद चढ़ाएं और उनकी कपूर से आरती उतारें। इसके बाद शिवलिंग पर चढ़ाई गए जल या अन्य द्रव्यों को पूजा में उपस्थित सभी जनों पर छिड़क दें और उन्हें प्रसाद भी दें। रुद्राभिषेक पूजा के दौरान विशेष रूप से “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते रहना चाहिए। हो सके तो रुद्राभिषेक किसी विद्वान् पंडित से ही करवाएं तभी आप अच्छे से ये पूजा संपन्न कर पाएंगे।हालांकि यदि आप रुद्राष्टाध्यायी का पाठ करना जानते हैं तो आप खुद ही रुद्राभिषेक पूजा कर सकते हैं।
रुद्राभिषेक के फायदे
शिव जी का रुद्राभिषेक कराने से जीवन की समस्त समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है। सनातन धर्म में रुद्राभिषेक बेहद कारगर और फलदायी माना गया है। जिस मनोकामना के लिए रुद्राभिषेक करवाना है उससे संबंधित द्रव्यों से ही शिव जी का अभिषेक करें।
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