Hariyali Amavasya 2024: हरियाली अमावस्या आज, इस समय जलाएं पितरों के लिए दीपक, मिलेगा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद

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हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह के कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि को अमावस्या कहा जाता है। शास्त्रों में अमावस्या तिथि को विशेष महत्व दिया गया है। यह तिथि मुख्य रूप से पितरों के दान-तर्पण के लिए समर्पित मानी गई है। सावन में आने वाली अमावस्या पर पितरों के साथ-साथ भोलेनाथ की आराधना करने का भी विधान है। सावन अमावस्या को हरियाली अमावस्या भी कहते हैं। हरियाली अमावस्या को बहुत ही शुभ माना जाता है। इस अमावस्या पर पेड़-पौधे लगाने का भी विशेष महत्व है। ऐसे में आप हरियाली अमावस्या पर दिव्य माने गए इन पेड़-पौधों की पूजा कर सकते हैं। मान्यता है कि इससे आपको जीवन में शुभ परिणाम देखने को मिल सकते हैं। आज यानी 4 अगस्त को हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी और इसी दिन दान-पुण्य आदि किया जाएगा। आइए जानते हैम सावन अमावस्या 2024 की स्नान-दान का शुभ समय और पितरों के लिए दीपक जलाने का मुहूर्त-

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सावन अमावस्या 2024 शुभ मुहूर्त
सावन अमावस्या आज यानी 4 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी। इसे हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस अमावस्या पर पितरों के लिए धूप-ध्यान, तर्पण, पिंडदान और दान-पुण्य के अलावा पौधारोपण भी करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में खुशहाली आती है। सावन अमावस्या तिथि 3 अगस्त 2024 को दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर शुरू हो चुकी है और आज 4 अगस्त 2024 को शाम 04 बजकर 42 मिनट पर यह तिथि समाप्त होगी। 

अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजे से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक
अमृत काल मुहूर्त सुबह 6 बजकर 39 मिनट से सुबह 08 बजकर 21 मिनट तक

हरियाली अमावस्या पर क्या करना चाहिए?
सावन की अमावस्या पर पौधे जरूर लगाएं। सावन अमावस्या पर घर में बेलपत्र, तुलसी, आंवला के पौधा लगाएं। इसके अलावा मंदिर परिसर में शमी, पीपल, नीम, बरगद आम जैसे छायादार पेड़-पौधे लगाएं और उनकी देखभाल का संकल्प लें। मान्यता है कि इससे ग्रह दोष दूर होते हैं और पितरों को शांति मिलती है। 

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मां लक्ष्मी को कैसे करना चाहिए प्रसन्न?
सावन अमावस्या के दिन घी के दीपक में केसर और लौंग के 2 दाने डालकर जलाने से माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने और आर्थिक तंगी दूर करने में मदद मिलती है। इस तुलसी में घी का दीपक लगाकर विष्णु जी के मंत्रों का जाप करें। 

भगवान शिव का मिलेगा आशीर्वाद
सावन अमावस्या पर देवों का देव महादेव का रुद्राभिषेक करना चाहिए। बिल्व पत्र, हार-फूल, अकवन का फूल, धतूरा से उनका श्रृंगार करें। ऐसा करने पर व्यक्ति को मोक्ष का रास्ता आसान हो जाता है। 

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हरियाली अमावस्या पर इस समय जलाएं दीपक
हरियाली अमावस्या के दिन आप प्रदोष काल में अपने पितरों के लिए दीपक जला सकते हैं। आज यानी 4 अगस्त को शाम 07 बजकर 10 मिनट पर सूर्यास्त होगा और उसके बाद जब दिन छिपने लगे तो आप अपने पितरों के लिए दीपक जलाएं। इससे पितर प्रसन्न होंगे और आपको आशीर्वाद देंगे। 


 

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