Feast of the Seven Fishes: सात मछलियों के भोज की कहानी और क्रिसमस से जुड़ाव

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 25 दिसंबर को दुनिया भर में क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है, जिसे प्रभु यीशु के जन्मोत्सव के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। हालांकि, बाइबल में कहीं भी 25 दिसंबर को यीशु के जन्म का उल्लेख नहीं मिलता। इतिहासकारों के अनुसार, यीशु के जीवनकाल में यह पर्व मनाया नहीं जाता था।

आज क्रिसमस को भव्य उत्सव के रूप में मनाया जाता है। कुछ जगहों पर तो इसका जश्न कई दिन पहले शुरू हो जाता है। ईसाई समुदाय इसे नए साल के स्वागत जैसा उत्सव मानते हैं। क्रिसमस का उद्देश्य केवल जश्न तक सीमित नहीं है; यह पर्व शांति, सद्भावना और करुणा का संदेश फैलाता है। इस त्योहार से जुड़ी कई परंपराओं में एक खास परंपरा है—सात मछलियों का भोज, जिसे Feast of the Seven Fishes कहा जाता है। आइए जानते हैं इसके इतिहास और क्रिसमस से जुड़े अर्थ के बारे में।

सात मछलियों का पर्व: एक इतालवी-अमेरिकी क्रिसमस की पूर्व संध्या विरासत

Feast of the Seven Fishes क्या है?

क्रिसमस की पूर्व संध्या यानी 24 दिसंबर की रात को कई जगह अलग-अलग परंपराओं के साथ उत्सव मनाया जाता है। खासतौर पर इटली और इतालवी-अमेरिकी समुदायों में इस रात को Feast of the Seven Fishes यानी सात मछलियों का भोज आयोजित किया जाता है। इसे इतालवी में La Vigilia (ला विझीलिया) भी कहा जाता है। कुछ लोग इसे फिश डिनर या विजिल भी कहते हैं।

हालांकि नाम में सात मछलियों का उल्लेख है, परंपरा में यह जरूरी नहीं कि बिल्कुल सात ही मछलियों का सेवन हो। कई परिवारों में 3, 11 या 13, या किसी भी विषम संख्या में मछली के व्यंजन तैयार किए जाते हैं। इसमें कोई निश्चित मैनू तय नहीं है, बल्कि यह पारिवारिक और क्षेत्रीय परंपराओं के अनुसार बदलता रहता है।

क्रिसमस की पूर्व संध्या पर सात मछलियों का उत्सव - द न्यूयॉर्क टाइम्स

Feast of the Seven Fishes की उत्पत्ति

इस परंपरा की जड़ें इटली के दक्षिणी हिस्से में मानी जाती हैं। यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है। 1861 से पहले, इटली विभिन्न राज्यों में बंटा हुआ था, जिसमें दक्षिणी क्षेत्र सबसे गरीब और संसाधनहीन था। जब नई एकीकृत सरकार ने अधिकांश संसाधन उत्तर इटली को आवंटित कर दिए, तो दक्षिणी क्षेत्र में गरीबी और अपराध बढ़ गया।

हालांकि, समुद्र के पास होने की वजह से मछलियों की कमी नहीं थी। यही कारण है कि स्थानीय लोग मछली पर आधारित भोजन को त्योहारों और विशेष अवसरों में शामिल करने लगे। समय के साथ, यह परंपरा विशेष भोज में विकसित हुई, जिसमें कई प्रकार की मछलियां शामिल की जाती थीं। 1900 के दशक की शुरुआत में इसे सात मछलियों के भोज के रूप में जाना गया।

सात मछलियों का भोज - लिशियस ब्लॉग

अमेरिका में भी फैली यह परंपरा

गरीबी और रोजगार की तलाश में कई इतालवी लोग अमेरिका चले गए और अपने साथ इस परंपरा को भी ले गए। अमेरिका में इटालियन-अमेरिकियों के बीच यह पर्व तेजी से लोकप्रिय हुआ। आज भी कई परिवारों में क्रिसमस की पूर्व संध्या को यह विशेष भोज आयोजित किया जाता है, जो पारिवारिक मेल-जोल और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक बन चुका है। सात मछलियों का यह भोज न केवल स्वादिष्ट व्यंजनों का उत्सव है, बल्कि यह ईसाई समुदाय में परंपरा, सांस्कृतिक धरोहर और श्रद्धा का प्रतीक भी माना जाता है।

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