नवरात्रि में जलाते हैं अखंड ज्योति? जान लें जरूरी नियम, वरना नहीं मिलेगा पूजा का शुभ फल!

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शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों को समर्पित है। इस दौरान प्रतिपदा तिथि लेकर नवमी तिथि तक क्रमशः मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि और मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। नवरात्रि के दौरान भक्त मां दुर्गा की विशेष कृपा पाने के लिए घर में अखंड दीप भी जलाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अखंड ज्योति जलाने की सभी विधि और इसके जुड़े खास नियम क्या है।

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नवरात्रि में क्यों जलाते हैं अखंड ज्योति
नवरात्रि के दौरान भक्त मां दुर्गा का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनकी विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं। इसके साथ ही लोग अपने घरों में अखंड दीप भी जलाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान जहां भी अखंड ज्योति जलती है, वहां मां दुर्गा की उपस्थिति होती है। मान्यता है कि मां दुर्गा की प्रतिमा या कलश के निकट अखंड ज्योति जलाने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसके अलावा मां दुर्गा की कृपा से हर मनोकामना पूरी होती है।

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नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने के नियम
नवरात्रि के दौरान घर में अखंड ज्योति जलाने के लिए पहला नियम यह है कि जहां अखंड ज्योति जलती हो, उस स्थान को कभी भी खाली नहीं छोड़ना चाहिए। मतलब यह है कि घर में किसी न किसी का होना जरूरी है। ऐसे में अगर आपके घर में अखंड ज्योति जल रही है तो उस स्थान को कभी खाली ना छोड़ें।

नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से संबंधित दूसरा नियम यह है कि इसे सीधे जमीन पर ना रखें। बल्कि अखंड ज्योति को रखने के लिए चौकी या फिर कलश का प्रयोग करना उचित है। ऐसे में इस बात का विशेष ध्यान रखें।

अखंड ज्योति अगर चौकी पर रख रहे हैं तो वहां पहले लाल कपड़ा बिछाएं। वहीं अगर कलश के ऊपर अखंड ज्योति रख रहे हैं तो यह सुनिश्चित कर लें कि उसके नीचे गेहूं रहे।

शास्त्रीय नियम के मुताबिक, अखंड दीप की बाती लाल कलावे का होना जरूरी है। दरअसल इससे शुभता आती है और मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं। ऐसे में दीपक की बाती को लेकर भी विशेष ध्यान रखें।

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अखंड ज्योति अगर घी का है तो उसे मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर की दाईं तरफ रखना चाहिए। वहीं अगर अखंड ज्योति सरसों के तेल का है तो उसे मां की प्रतिमा की बाईं ओर रखना चाहिए। ऐसा करना शुभ माना गया है।

अखंड दीप हवा से बुझे नहीं, इसके लिए उसके चारों तरफ कांच की घेरन रखना चाहिए। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखें कि दीपक में घी या तेल नौ दिनों तक खत्म न हो। ऐसा करने से घर में शुभता आती है। साथ ही साथ मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

शास्त्रीय नियम के मुताबिक, अखंड ज्योति जलाने से पहले भगवान गणेश, मां दुर्गा का ध्यान करें और मां दुर्गा के मंत्र- ‘जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते’का उच्चारण करें।

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