ज्येष्ठ के महीने में जरूर करें ये 5 काम, सुधर जाएगा पूरा जीवन!

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हिंदू पंचांग का तीसरे माह यानि की ज्येष्ठ का महीना शुरू हो चुका है. धार्मिक दृष्टि से इस माह का काफी महत्व है.ये महीना सूर्य भगवान और विष्णु को समर्पित है. इस माह में सूर्यदेव अपने प्रखर रूप में होते हैं लिहाजा गर्मी बहुत ज्यादा पड़ती है. ऐसे में ज्येष्ठ माह में जल दान का खासा महत्व बताया गया है. इसके साथ ही अन्य कई नियम धर्म है जिनकों करके आप इस महा को पुण्य फलदायी बना सकते हो.ज्येष्ठ माह को लेकर अलग-अलग मान्यताएं प्रचलित हैं जैसे कि दान करना, सूर्य को अर्ध्य देना, तुलसी पूजा, विष्णुजी और सूर्य की उपासना करना इत्यादि. कहा जाता है कि ज्येष्ठ माह में जल का दान करना विशेष रूप से फलदायी होता है. शास्त्रों में भी ज्येष्ठ माह के कुछ उपाय भी बताए गए हैं.

प्यास है बड़ी

प्यासे को पानी पिलाना अमृत दान की तरह
ज्येष्ठ माह तपती गर्मी का महीना होता है. शरीर को सुखा देने वाली तेज धूप से लोग परेशान हो जाते हैं ऐसे में जल अमृत के सामान लगता है उसी तरह इस माह में प्यासे को पानी पिलाना अमृत दान के सामान ही माना गया है. मान्यता है कि ज्येष्ठ माह में जल और शरबत का दान जरूर करना चाहिए. लोगों में छबील बांटना चाहिए. राहगीरों के लिए पानी की व्यवस्था करनी चाहिए. शास्त्रों में वर्णित है कि इस माह में जल दान महादान है.

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पशु-पक्षियों को भी करें अन्न-जल दान
इस महीने में सिर्फ मानवों के लिए ही नहीं पशु-पक्षियों को जल दान भी विशेष रूप से फलदायी माना जाता है. मान्यता है कि ज्येष्ठ माह में पशु-पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था करने से कोटि कोटि पुण्य फल की प्राप्ति होती है. पक्षियों के लिए दाना-पानी रखने से कई ग्रह शुभ फल देते हैं. वहीं पशुओं के लिए पानी का हौद बनवाएं उनके खाने की व्यवस्था करें. इससे जीवन में शांति और पुण्य की प्राप्ति होती है.

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कुंए खुदवायें और पेड़ लगाएं
मान्यता है कि इस महीने में जो भी पेड़ लगाता है और कुंए खुदवादा है या जलाशय बनवाता है उसका पुण्य मरने के बाद भी क्षीण नहीं होता. जब तक उस जल स्त्रोत का इस्तेमाल होता रहेगा आत्मा को पुण्य की प्राप्ति होती रहेगी.

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पीपल,वट,तुलसी की पूजा
ज्येष्ठ माह में का गर्मी का प्रकोप अपने चरम पर होता है इस माह में पीपल,वट,तुलसी की पूजा को खासा लाभकारी बताया गया है. कहा जाता है कि जो इस माह में इन वृषों की सेवा करता है वो इस जन्म में ही नहीं मृत्यु के बाद भी लाभ पाता है. ज्येष्ठ अमावस्या के दिन पीपल और वट की पूजा विशेष महत्व होता है. ऐसा करने से बह्मा,विष्णु,महेश के साथ शनि की कृपा भी प्राप्त होती है.

औरों को शीतल करें
माना जाता है कि ज्येष्ठ के महीने में जो लोग जीव-जन्तुओं को शीतलता प्रदान करते हैं उनके जीवन में भी शीतलता आ जाती है जैसे लोगों को ठंडे पेय पदार्थ दें, खाने के लिए ठंडे व मीठे फल दान करें. पानी से भरे फलों का दान महान दान माना गया है जैसे तरबूज और खरबूज इत्यादि. जरूरतमंदों को पंखें और कूलर दान करें.पहले जमाने में हाथ के पंखें देने का रिवाज था लेकिन अब समय बदल गया तो आप बिजली के पंखें दे सकते हैं. जीव-जन्तुओं के लिए छाया की व्यवस्था करें. इस माह में सुराही और घड़े का दान जरूर करें. जगह-जगह घड़े रखवायें.

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