Devshayani Ekadashi : कब है देवशयनी एकादशी? नोट करें डेट और जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

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हिंदी कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक माह दो एकादशी के व्रत आते हैं और कुल मिलाकर 24 एकादशी तिथियां पड़ती हैं। प्रत्येक एकादशी व्रत का अपना विशेष महत्व माना गया है और कहते हैं कि एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। आषाढ़ माह में आने वाली एकादशी को आषाढ़ एकादशी कहते हैं। इसके अलावा यह देवशयनी एकादशी और हरिशयनी एकादशी के नाम से भी जानी जाती है, हिंदू धर्म में देवशयनी एकादशी को बहुत ही खास माना गया है क्योंकि इसके बाद चार माह के लिए कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किया जाता। आइए जानते हैं कब है देवशयनी एकादशी, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व। 

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देवशयनी एकादशी 2023 डेट और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह की देवशयनी एकादशी तिथि 29 जून को सुबह 3 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 30 जून को रात 2 बजकर 42 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार देवशयनी एकादशी का व्रत 29 जून 2023 को रखा जाएगा। इस व्रत का पारण 30 जून को दोपहर 1 बजकर 48 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 36 मिनट पर होगा। 

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देवशयनी एकादशी का महत्व
हिंदू धर्म में देवशयनी एकादशी को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है कहते हैं। इस एकादशी का नाम देव और शयन दो शब्दों से मिलकर बना है। इसका अर्थ है देव का शयन यानि देवों का सोना. देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार माह के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं और इसलिए चार माह तक कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किया जाता। पंचांग की भाषा में इसे चातुर्मास भी कहा जाता है। चातुर्मास के नास से ही स्पष्ट है कि यह चार माह का होता है लेकिन इस बार अधिकमास पड़ रहा है जिसकी वजह से चातुर्मास चार नहीं, बल्कि पांच माह का होगा। इसका मतलब है कि शादी-विवाह जैसे कार्यों के लिए पांच माह का इंतजार करना होगा। 

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कहते हैं कि देवशयनी एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को जीवन में मिल रहे सभी दुख-दर्दों से छुटकारा मिलता है। साथ ही भगवान विष्णु प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का भी आशीर्वाद देते हैं। इसलिए देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए व्रत रखा जाता है और पूरे विधि-विधान के साथ उनका पूजन किया जाता है। 

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