Dev Diwali 2024 : देव दिवाली के दिन करें ये उपाय, धन से भर जाएगी तिजोरी!

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कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि को देव दिवाली के नाम से जाना जाता है। कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि के साथ ही कार्तिक माह का समापन भी हो जाता है। इस दिन देव दिवाली मनाने की परंपरा है। यह पर्व मुख्य रूप से उत्तर भारत, खासकर उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में मनाया जाता है। यह पर्व दीपावली के 15 दिन बाद, कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और इसे देवताओं की दीपावली कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन देवता स्वर्ग से उतरकर धरती पर आते हैं और गंगा नदी के घाटों पर दीप जलाकर दिवाली मनाते हैं।

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देव दिवाली पर वाराणसी के घाटों को लाखों दीपों से सजाया जाता है। गंगा के किनारे बसे घाट इस दिन स्वर्गिक आभा से जगमगाते हैं और दीपों की रोशनी से ऐसा लगता है मानो सितारे धरती पर उतर आए हों। यह नजारा वाराणसी की खूबसूरती में चार चांद लगा देता है और श्रद्धालु इसे देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं।  देव दीपावली पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने का विधान है।  इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर में कभी धन धान्य की कमी नहीं होती है। 

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पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा का आरंभ 15 नवंबर की सुबह 6 बजकर 19 मिनट पर होगा और इसका समापन अगले दिन यानी 16 नवंबर की सुबह 2 बजकर 58 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, इस साल देव दीपावली 15 नवंबर को मनाई जाएगी। कार्तिक पूर्णिमा का स्नान, दान, व्रत और पूजा पाठ 15 नवंबर को संपन्न होगा।

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देव दिवाली पर करें ये उपाय
देव दिवाली के दिन पवित्र नदी में स्नान करने का बहुत महत्व माना जाता है। अगर संभव हो तो इस दिन गंगा स्नान जरूर करें और स्नान के बाद दीप-दान भी जरूर करें। मान्यता है कि ऐसा करने से 100 अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य प्राप्त होता है।

देव दिवाली के दिन घर में तुलसी का पौधा लगाना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इसलिए इस दिन घर में तुलसी का नया पौधा जरूर लगाएं। 

देव दिवाली के दिन तुलसी जी को पीले रंग का दुपट्टा या चुन्नी चढ़ाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से नौकरी और व्यापार में तरक्की होती है। 

देव दिवाली के दिन घर में सत्यनारायण भगवान की कथा का पाठ करवाना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा का पाठ करने या सुनने से भक्तों के सभी प्रकार के कष्टों का नाश हो जाता है और जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। 

देव दिवाली के दिन श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना भी बहुत कल्याणकारी माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। मान्यता है कि देव दिवाली के दिन भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर पर तुलसी जी के 11 पत्तों को बांधने से घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती है और घर में हमेशा सुख और समृद्धि का वास रहता है। 

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देव दिवाली के दिन 11 आटे के दीपक बनाएं और उन दीपकों को शुद्ध देशी घी से भर दें। अब इन सभी दीपक में लौंग, कपूर और तेज पत्ते को बारीक पीसकर डालें। अब इन सभी दीपक को शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं। फिर पीपल के पेड़ की 11 परिक्रमा करें। 11 मिट्टी के दीपक को घर के मुख्य स्थानों और तुलसी के पास जलाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है। 

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